उदयपुर का प्रसिद्ध मांझी का घाट शहर की पिछोला झील किनारे का एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक महत्व का पर्यटन स्थल है,जिसके पास ही पौराणिक सरदार स्वरूप श्याम जी मंदिर है। कुछ समय पूर्व उदयपुर के देवस्थान विभाग ने इस स्थान के व्यायसायिक दोहन के लिये निजी ठेकेदार को ठेका देकर टिकट लागू करवा दिया। ठेकेदार भी देवस्थान से 10 कदम आगे निकला प्रवेश शुल्क के 10 रुपये लेने की जगह प्रति मोबाइल 120 रुपये से ज्यादा शुल्क लागू कर दिया और बिना शुल्क मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया। इस शुल्क का पर्यटको के साथ ही स्थानीय जनता व कई राजनीतिक व धार्मिक संगठनों ने भारी विरोध किया, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन ने मीटिंग कर गली निकालते हुए मोबाइल ले जाने को अनुमत तो किया। लेकिन स्पष्ट आदेशो के अभाव में कई बार ऐसी शिकायते आयी कि ठेकेदार कर्मियों ने प्रवेशार्थियों को मोबाइल से फ़ोटो लेने नहीं लेने दिए। उसके गार्ड मोबाइल से फ़ोटो लेने वालों की और दौड़ते रहते है।
जिसके बाद उदयपुर के आरटीआई एक्टिविस्ट, सिविल इंजीनियर व पत्रकार जयवंत भेरविया ने देवस्थान में दिनांक 7 /10/2022 को सूचना के अधिकार के अंतर्गत निम्न सूचना माँगी
(1) देवस्थान विभाग उदयपुर के पास अमराई घाट के स्वामित्व अधिकार मय दस्तावेजों की सूचना प्रदान की जाए
(2) देवस्थान विभाग द्वारा अमराई घाट पर दिये गए समस्त ठेकों , निविदाओं, शर्तो , समस्त दस्तावेजों की सत्यापित सूचना प्रदान की जाए
(3) देवस्थान विभाग द्वारा अमराई घाट से होने वाली आय व्यय की समस्त सूचना प्रदान की जाए
(4) देवस्थान विभाग अमराई घाट को सार्वजनिक संपत्ति नही मानता, इस हेतु देवस्थान विभाग के पास उपलब्ध दस्तावेजों की सूचना प्रदान की जाए
इस RTI में की गई प्रथम अपील के बाद देवस्थान के प्रथम अपीलीय अधिकारी ने आंशिक सूचना देते हुए मुख्य बिंदु की सूचना गोलमाल करते हुए मांझी घाट के स्वामित्व दस्तावेज देने की जगह लिख दिया कि आप द्वारा " विशिष्ठीयो "का उल्लेख नही किया गया है। अतः सूचना देना संभव नही है। जिसके उपरांत दिनाँक 1 /12/2022 को देवस्थान विभाग में नई RTI के जरिए निम्न सूचना माँगी गई
(1) मांझी घाट और सरदार स्वरूप श्याम जी मंदिर के समस्त नक्शे जो देवस्थान के रिकॉर्ड में उपलब्ध है कि सूचना मय नक्शो और संलग्न दस्तावेजों के प्रदान की जाए
(2) देवस्थान द्वारा प्रयुक्त शब्द " विशिष्टियों " की परिभाषा की सूचना प्रदान की जाए
(3) मांझी घाट और सरदार स्वरूप श्याम जी मंदिर के समस्त स्वामित्व दस्तावेज प्राप्त करने की प्रक्रिया की सूचना प्रदान की जाए
(4) मांझी घाट पर मोबाइल से फ़ोटो खींचने पर लगाई गई रोक से संबंधित आदेशों की सूचना प्रदान की जाए
(5) मांझी घाट पर मोबाइल से फ़ोटो खींचने पर किन नियमों / कानूनों के अंतर्गत रोक लगाई गई है, सूचना प्रदान की जाये
लेकिन सूचना देने की जगह देवस्थान उपायुक्त श्री सुनील मत्तड ने इस RTI को दिनाँक 13/12/2022 को सहायक आयुक्त देवस्थान , ऋषभदेव श्री चुन्नीलाल मीणा के पास भेज दिया, उन्होंने भी इस ऑनलाइन RTI को दिनाँक 15/12/2022 को हनुमान गढ़ की देवस्थान सहायक आयुक्त प्रियंका भट्ट के पास भेज दिया जिन्होंने 30 दिन तक कोई सूचना नही दी जिसके पश्चात देवस्थान विभाग के प्रथम अपीलीय अधिकारी श्री ओमप्रकाश जैन को प्रथम अपील की गई है।
इस RTI में सूचना देने से देवस्थान क्यों भाग रहा है ? क्यों नही देवस्थान विभाग मांझी घाट और सरकार स्वरूप श्याम जी मंदिर के स्वामित्व दस्तावेज और अधिकारों को सार्वजनिक कर देता ? क्यों देवस्थान मोबाइल से फ़ोटो खींचने पर लगाई गई रोक के संबंध में नियम कानूनों का हवाला दे रहा है ?
सूचना उजागर होने से संभव है कि देवस्थान को ठेका ही निरस्त करना पड़ जाए। यदि ऐसा हुआ तो उदयपुर की जनता के साथ ही पर्यटक भी लूट से बचेंगे और राहत महसूस करेंगे।