उदयपुर के फतहसागर में मुम्बईया बाजार के सामने नाव संचालन का ठेका विवादों में आ गया है। इससे पहले उदयपुर के फतहसागर झील में तीन दिन पहले दोपहर बाद एक नाव पलट गयी । हालाँकि बोट खाली थी और कोई उसमे सवार नहीं था ,इसलिए गनीमत रही की कोई जनहानि नहीं हुई।
उल्लेखनीय है की हाल ही में मुम्बईया बाजार के सामने जोधपुर की नई फर्म को ठेका दिया गया। कई वर्षों से यह ठेका उदयपुर की एम एम ट्रेवल्स एजेंसी के पास था, इस बार यह ठेका जोधपुर की रामदेव कंपनी को दिया गया है,जो सीएनजी बोट से फतहसागर में नाव संचालन का दावा कर रही है।
लेकिन UIT के इस टेंडर में UIT ने एक संसोधन करते हुए कहा था कि टेंडर आवेदक को यूरो 6 मापदंड की नावों का संचालन ही करना होगा और कम से कम एक नाव सौर ऊर्जा से संचालित करनी होगी। साथ ही टेंडर की शर्त सँख्या 33 में गंभीर दुर्घटना की स्थिति में ठेका निरस्त करने की बात भी कही गयी थी।
लेकिन दुर्घटना कारित होने के बाद भी ठेका निरस्त होने की बात पर अधिकारी चुप बैठे है। वैसे भी अगर टेंडर में यूरो 6 इंजिन की दरकार थी (आपको बताते चले कि यूरो 6 इंजन फिलहाल बाजार में उपलब्ध नहीं है) तो कैसे CNG फिटेड इंजन की अनुमति देकर टेंडर प्रकिया आगे बढ़ाई गयी।
यदि यूरो 6 इंजन बाजार में उपलब्ध नहीं थे तो टेंडर निरस्त कर नया टेंडर निकाला जाना चाहिए था ताकि ज्यादा से ज्यादा आवेदक टेण्डर में भाग ले सके और सबसे ज्यादा निविदा राशि भरने वाला नाव संचालन कर पाए। ऐसी स्थिति में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में UIT को राजस्व भी ज्यादा मिल सकता था।
साथ ही टेंडर की शर्त में उल्लेखित सोलर ऊर्जा वाली नाव भी नए ठेकेदार ने संचालित नहीं की और UIT के अधिकारियों ने इस पर ध्यान भी नहीं दिया। ऐसी क्या जल्दी थी नए ठेकेदार को नाव संचालन में सहयोग की जिसमे शर्ते ही पूरी नहीं करी जाय और संचालन शुरू हो जाये।