उदयपुर की पीछोला का पानी नहाने लायक़ भी नहीं,प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की RTI में खुलासा
उदयपुर,10 अक्टूबर 2022 : उदयपुर की झीलों में प्रदूषण की खबरें नियमित तौर पर विभिन्न मीडिया समूहों द्वारा जनता को बताई जाती रही है। साथ ही प्रशासन के लाख दावों के बावजूद झीलों में नालियों और सीवर का गिरना जारी है। यही नही उदयपुर की जनता और जनप्रतिनिधियों की मांग के बावजूद भी प्रशासन ने सड़क मार्ग वाली नावों के संचालन रद्द नहीं किये बल्कि पर्यटन की आड़ में इनके चलने के लिए हिमायत भी की है। यही कारण है कि आज भी पीछोला में तकरीबन 80 पेट्रोल- डीजल नावें दौड़ रही है ,जिसमें जनता के लिए निगम के ठेकेदार की केवल 18 नावें है।
इसी बीच राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मण्डल से झील प्रेमी ज्ञान प्रकाश सोनी द्वारा सूचना के अधिकार के अंतर्गत प्राप्त की गई RTI में उदयपुर की झीलों को लेकर सनसनीखेज खुलासा हुआ है। राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की जुलाई 2022 की रिपोर्ट के अनुसार जल गुणवत्ता जाँच रिपोर्ट के आधार पर पीछोला झील का पानी पीने के लायक नहीं है अलबत्ता नहाने लायक़ भी नहीं है क्योंकि पीछोला के पानी में बायोकेमीकल ऑक्सीजन डिमांड 3 से अधिक है। अमूमन पीने के पानी के लिए बायोकेमीकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD) 2 या इससे नीचे होना चाहिए और नहाने के लिए 3 या इससे नीचे। वही रिपोर्ट के अनुसार फतहसागर का पानी नहाने के लिए उपयुक्त है लेकिन पीने के लिए अनुपयुक्त बताया गया है।
खतरे की बात तो ये है उक्त जांच मानसूनी पानी आने के दौरान की गई है ,इसका मतलब ये है कि मॉनसून के बाद सीवर और नाव संचालन से लगातार पानी और ज्यादा प्रदूषित हो जाता है।
कहाँ और किस झील का पानी कितना प्रदूषित
पीछोला के प्रदूषण की स्थिति
राजस्थान प्रदूषक नियंत्रक मंडल द्वारा पीछोला झील के पानी में प्रदूषण जांचने के लिए नगर निगम की जेट्टी पर 7 जुलाई को जांच की गई जिसमें बीओडी लेवल 3.1 पाया गया। लीला पैलेस होटल की जेट्टी के पास 7 जुलाई को जांच में बीओडी लेवल 2.9 पाया गया। वही ताज पैलेस होटल की जेट्टी पर बीओडी देवल 3.2 पाया गया रामेश्वर घाट पर 8 जुलाई को बीओडी देवल थी। वही ओबरॉय होटल की जेट्टी पर बीओडी लेवल 3.4 पाया गया।इसके साथ ही पंचदेरिया मंदिर के पास में बीओडी लेवल 4.6 पाया गया है।
फतहसागर के प्रदूषण की स्थिति
राजस्थान प्रदूषक नियंत्रक मंडल द्वारा फतहसागर झील के पानी में प्रदूषण जांचने के 7 जुलाई की जाँच में मेवाड़ बोटिंग की जेट्टी के पास बीओडी लेवल 1.7,नेहरू गार्डन के पास बीओडी लेवल 2.1, महाकाल मंदिर के पास बीओडी लेवल 2.9 और नेहरू गार्डन जेट्टी के पास बीओडी लेवल 2.2 पाया गया है।
स्पष्ट है कि झीलों के पानी की गुणवत्ता के प्रति स्थानीय प्रशासन मूक दर्शक की भूमिका में है और यहाँ के लोगों को प्रदूषित पानी पीना पड़ रहा है। इस रिपोर्ट में यह भी साफ हो गया है कि जहाँ पीछोला झील में तकरीबन 80 नावें दौड़ रही है,वही सबसे ज्यादा BOD पाया गया है जो इंगित करता है कि झील में अत्यधिक नावों के संचालन से झील का पानी पीने लायक भी नहीं रह गया है।