2 सितंबर 2022 : उदयपुर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए तथाकथित तौर पर वाटर टैक्सी नाम की नई सुविधा शुरू करने की हवा हवाई तैयारियां की जाने की बात की रही है और कई मीडिया संस्थान यहाँ तक कहने में गुरेज़ नहीं कर रहे कि उदयपुर में आने वाले पर्यटक अब उदयपुर में वाटर टैक्सी का लुत्फ उठा पाएंगे।
तथ्य दिए गए कि विश्व प्रसिद्ध झीलों की नगरी में लाखों पर्यटक पुरानी गलियों और महलों को देखना पसंद करते हैं और पर्यटन सीजन के समय पुरानी गलियों में पर्यटकों को घंटों ट्रैफिक जाम में फंसे रहना पड़ता है। वहीं उदयपुर में पुराने शहर का बड़ा हिस्सा झील किनारे लगा हुआ है। कई पर्यटन स्थल जैसे दूध तलाई, गुलाब बाग, जंगल सफारी, करणी माता मंदिर, जगदीश मंदिर, चांदपोल, गणगौर घाट आदि झील किनारे है और वाटर टैक्सी चलने से पानी के रास्ते इन स्थानों पर जाने के बारे में सोचा जा सकता है। उदयपुर पर्यटन विकास समिति ने टूरिज्म के लिए मास्टर प्लान बनाने के बारे में सोचा है और बैठक में वाटर टैक्सी चलाने का प्रस्ताव लिया गया है। वहीं दूसरी और समिति से जुड़े अन्य सदस्य कह रहे है कि प्रस्ताव को झील संरक्षण समिति के सामने रखा जाएगा । तो कुछ कह रहे कि ये सिर्फ एक व्यवसायी का सुझाव था और विकास समिति मेंबर, कलेक्टर एवं पर्यटन विभाग के साथ सभी की एक ही राय थी कि कोई भी फैसला सभी पहलुओं को ध्यान में रख कर लिया जायेगा। उदयपुर की आम जनता और सभी विभागों की सहमति से ही फैसला लिया जायेगा। वही शहर का एक बड़ा तबका वाटर टैक्सी चलाने के पक्ष में नहीं है।
भारत में वाटर टैक्सी की शुरुआत मुम्बई समुद्र में हुई है और आज तक किसी झील में वाटर टैक्सी का संचालन नहीं हुआ है। इसके साथ ही झीलों में वाटर टैक्सी चलाने के लिए कई निर्माण करने होंगे और नावों की संख्या बढ़ने पर झील की पारीस्थिकी सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि उदयपुर की झीलें वाटर टैक्सी के लिए नहीं बनी है।इसके साथ ही उदयपुर में वाटर टैक्सी चलाने के लिए विभिन्न किनारों पर सवारियों के चढ़ने उतरने के प्लेटफॉर्म की भी जरूरत होगी जिसे नियमों के तहत बनवाये जाने की सम्भावना मुमकिन नजर नहीं आती। ट्रैफिक की दुहाई देकर वाटर टैक्सी के नाम पर झीलों का व्यावसायिक दोहन पीने के पानी की झील के लिए मृत्यु दण्ड के समान प्रतीत होता दिखाई देता है।
भारत मे कहाँ और कब से चल रही वाटर टैक्सी
मुंबई में वॉटर टैक्सी सर्विस का शुभारंभ 17 फरवरी 2022 यानी इसी साल शुरू हुआ है और इसके माध्यम से यात्री नवी मुंबई से गेटवे ऑफ इंडिया तक जाते है। यह सेवा पहली बार मुंबई और नवी मुंबई को जोड़ रही है। यह डोमेस्टिक क्रूज टर्मिनल (DCT) से शुरू होकर नेरुल, बेलापुर, एलीफेंटा द्वीप और जेएनपीटी के आस-पास के स्थानों को भी जोड़ेगी। कुल मिलाकर देश में केवल मुम्बई में वाटर टैक्सी का प्रयोग किया गया है और वो भी सामुद्रिक मार्ग से। ऐसे में छोटी झीलों में वाटर टैक्सी की कल्पना करना बेमानी है।