उदयपुर नगर निगम पिछले दिनों शहर में बढ़ते अतिक्रमण को लेकर सख्त होती दिखाई दी है। इसी क्रम में उदयपुर नगर निगम ने नोटिस जारी कर जनता से अपील की है कि जनता स्वयं अपने स्तर पर किए गए अतिक्रमण को हटा ले अन्यथा नगर निगम द्वारा अतिक्रमण हटाए जाने पर होने वाला व्यय संबंधित अतिक्रमी से वसूला जाएगा ।
नगर निगम ने नोटिस जारी कर आगे कहा है कि नगर निगम उदयपुर क्षेत्राधिकार में सार्वजनिक फुटपाथ एवं सड़कों पर अस्थाई व स्थाई अतिक्रमण राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 245 के तहत दण्डनीय अपराध है जिसमें 50,000/-रुपये जुर्माना व 3 वर्ष तक के कारावास का प्रावधान है।
उदयपुर शहर में आबादी व वाहनो के बढ़ते दबाव के कारण यातायात बाधित होना आम समस्या है। यातायात अवरूद्ध होने का मुख्य कारण सार्वजनिक सड़को, चौराहों व फुटपाथ पर अतिक्रमण है। देहलीगेट व कोर्ट चौराहे पर कुछ लोगों द्वारा किया गया अतिक्रमण व नगर निगम की कार्यवाही का उदाहरण आम जनता के सामने है। नगर निगम उदयपुर द्वारा सार्वजनिक सड़को व फुटपाथ से अतिक्रमण हटाने का अभियान दिनांक 01.01.2024 से प्रारम्भ किया गया है।
सार्वजनिक सूचना के माध्यम से सूचित किया जाता है कि जिस किसी व्यक्ति द्वारा सडक व फुटपाथ पर अतिक्रमण, दुकानो के आगे टीन शेड लगाकर, मकान के बाहर सड़क पर जाली / फेन्सिंग लगाकर गार्डन बनाकर, सड़क पर रेम्प बनाकर व अन्य तरीके से स्थाई व अस्थाई अतिक्रमण कर रखा है वो स्वयं के स्तर पर हटाकर अभियान में सहयोग प्रदान करें अन्यथा नगर निगम द्वारा अतिक्रमण हटाया जायेगा व अतिक्रमण हटाने में लगे हर्जे-खर्च को अतिक्रमी से वसूल किया जावेगा।
बेसमेंट में पार्किंग स्थान का दुकानों, ऑफिस, गोदाम व अन्य कार्य में उपयोग राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 194/182 के अन्तर्गत जुर्माना व कारावास का प्रावधान है। बेसमेंट में पार्किंग स्थल का अन्य कार्य में उपयोग अपने स्तर पर हटा लेवें। आम जनता से अपील है कि स्वयं के स्तर पर अपना अतिक्रमण हटाकर जिम्मेदारी नागरिक का परिचय दे व उदयपुर शहर की सुन्दरता व गौरव को बढ़ाने में अपनी भूमिका अदा करें।