उदयपुर ,22 अगस्त 2022 : उदयपुर के पीछोला के पानी का सीवर में गिरना लगातार जारी है। कई सालों से झील प्रेमी नगर निगम के अधिकारियों के साथ जिला कलेक्टर को झील के पानी के सीवर में गिरने, सीवर और नालियों के पानी के झीलों में गिरने के बारे में अवगत करा चुके है। लेकिन आज तक हालात जस के तस बने हुए है। यहाँ की झीलों का कोई धनी धोरी नजर नहीं आता। झीलों के स्वामित्व अलग अलग है। जैसे पीछोला झील नगर निगम के स्वामित्व में है तो फतहसागर झील UIT के स्वामित्व में है। जिसमें पीछोला झील सबसे ज्यादा समस्याओं से जूझ रही है। इसी क्रम में सिलावट वाडी क्षेत्र में बिच्छू घाटी के सामने वाले मेन होल से झील का शुद्ध पेय जल वर्ष 2006 से सीवर में बह रहा है तो वही चांद पोल पार्किंग के पास वाले मेन होल में पानी बहकर बर्बाद हो रहा है। यही नहीं स्वरूप सागर की पाल के नीचे तीन अलग अलग जगहों से लाखों लीटर पानी रोज नालियों में समा जाता है।
प्रशासन द्वारा इसका कई बार निरीक्षण किया गया और बीते दिन नगर निगम के वरिष्ठ अभियंता मुकेश पुजारी के साथ एल एंड टी कम्पनी के इंजीनियरों सहित सिलावट वाडी क्षेत्र में बिच्छू घाटी के सामने वाले मेन होल से तालाब के शुद्ध पेय जल को व्यर्थ मल मुत्र में मिलकर बरबाद होते देखने टीम पहुँची। जहाँ झील विकास प्राधिकरण के पूर्व सदस्य तेज शंकर पालीवाल ने नगर निगम के वरिष्ठ अभियंता मुकेश पुजारी जी को बताया कि सिलावट वाडी, बिच्छू घाटी के सामने वाले मेन होल मे वर्ष 2006 से निरंतर तालाब का शुद्ध पीने का पानी व्यर्थ बरबाद हो रहा है।एक बार फिर नगर निगम व एल एंड टी कम्पनी के इंजीनियरों ने सीवर में गिरते शुद्ध जल के हालात देखे। जहाँ तेज शंकर पालीवाल ने अधिकारियों को अवगत कराया कि सिलावट वाडी, बिच्छू घाटी के सामने वाले मेन होल को बाहर की तरफ से खुदाई कर व्यर्थ बरबाद हो रहे तालाब के पानी को बचाने के लिए प्रयास किया जाय। जिस पर सहमति बनी तथा चांद पोल पार्किंग के पास वाले मेन होल पर लकड़ी का चुडी उतार गट्टा लगा कर पानी व्यर्थ बरबाद होने से रोकने के लिए प्रयास करने पर सहमति बनी तथा दो जगह से शुद्ध पीने का पानी व्यर्थ बरबाद होने से रोकने के बाद ब्रह्मपोल के पास व जेटीयो के अखाड़े के पास सीवर मेन होल से निकल रहे पानी को रोकने के लिये कार्यवाही की जायेगी।इसके साथ ही नगर निगम के अधिकारियों के साथ तेज शंकर पालीवाल, अनिल मेहता, नंद किशोर शर्मा और जसवंत सिंह टाँक मौजूद थे।
लेकिन पुख्ता सूत्रों के अनुसार स्मार्ट सिटी उदयपुर के तकनीकी लोगों ने अपनी पत्रावलियों में लिखा है कि उक्त सीवर में बहने वाले झील के पानी को 20 अक्टूबर 2022 तक ही दुरूस्त किया जा सकेगा। चूंकि उक्त क्षेत्र में सीवर के अन्य कार्य चल रहे है तो उनके साथ ही इन कार्यों को भी सम्पादित किया जाएगा।
कुल मिलाकर स्मार्ट सिटी उदयपुर, पीछोला के शुद्ध पीने के पानी सीवर में बहते रहने के लिए संजीदा नजर नहीं आती और उदयपुर नगर निगम अब भी स्मार्ट सिटी के भरोसे बैठा है।
इससे पहले चार साल पूर्व जिलाधीश रोहित गुप्ता को झील प्रेमी तेज शंकर पालीवाल द्वारा आग्रह करने पर एक बार रात्रि को सिवर लाईन मे जा रहे तालाब के पानी का मौका मुआयना करने का आदेश दिया था। तब रात 1 बजे नगर निगम तत्कालीन वरिष्ठ अभियंता अरुण व्यास , करनेश माथुर, महेंद्र समदानी ,तेज शंकर पालीवाल, अनिल मेहता, नंद किशोर शर्मा ने सीवर लाईन का सामूहिक निरीक्षण किया। तब सिवर लाईन में लाखों लीटर पानी प्रति दिन बहकर मल मुत्र में मिलकर बरबाद होता नजर आया था। लेकिन आज तक कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं हुई।