उदयपुर, 02 नवंबर 2022 : उदयपुर में इन दिनों रंगीन नाईट पार्टियों का बाजार गर्म है और यहाँ बेख़ौफ़ तरीके से तरह -तरह के नशे भी परोसे जा रहे। इन नशों में न केवल शराब बल्कि हुक्का ( फ्लेवर के साथ अन्य तरीके के नशीले पदार्थ) आसानी से इन पार्टियों में उपलब्ध करवाया जा रहा है। खास बात ये है कि इन पार्टियों को संचालित करने वाले कई लोग तो आबकारी लाइसेंस तक नहीं ले रहे है और खुले आम शराब के साथ अन्य नशे भी परोस रहे है। एक स्टूडेंट ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसे अब हुक्के की लत तक लग गयी है। हुक्के में क्या क्या मिलाया जाता है,इसके बारें में उसने बताने से इनकार कर दिया।
हाल ही में शहर में होने वाली एक अजीबोगरीब नाम की विदेशी संस्कृति पर आधारित पार्टी को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। पार्टी के विज्ञापन में फ्री एंट्री के साथ लड़कियों को मुफ्त बियर देने की बात कही गयी थी। ऐसे में प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि क्या फ्री बियर का लालच देकर लड़कियों को बुलाया जा रहा था? ऐसा प्रमोशन पार्टी में लड़कों की भीड़ लाने को लालायित करने का उपक्रम तो नहीं होता? हालांकि इसको लेकर शहर के कई लोगों ने सोशल मीडिया पर विरोध किया और अंत में पुलिस ने पहुँच कर कार्यक्रम को रुकवा दिया। लेकिन बियर आदि परोसने को लेकर वैधानिक लाइसेंस होने या नहीं होने के बारे में अब तक कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है। इसके साथ भी ये प्रश्न उठना लाजमी है कि क्या पुलिस और आबकारी विभाग को ऐसे आयोजनों की जानकारी नहीं होती? यदि नहीं होती है तो पुलिसिंग पर ही सवाल पैदा हो रहे है और जानकारी होने के बाद भी कार्यवाही नहीं करना कई सवाल खड़े कर रहा है।
इसके साथ ही कई आयोजक अब नाईट पार्टियों में DJ म्यूजिक के साथ नाईट स्टे और डिनर के साथ कई तरह की अन्य सुविधाओं को देने की बात भी करते है। इन पार्टियों में पर्दे के पीछे नशे और अश्लीलता का खेल खेला जा रहा है। शहर के बाहर मनवाखेड़ा मेनरोड से एकलिंगपुरा, डाकनकोटड़ा रोड, वलीचा चौराहा,बड़ी रोड़, कोडियात रोड़ और 76 नंबर हाइवे पर नशे के साथ जिस्मफरोशी से लेकर सभी प्रकार की रात्रि सेवाएं उपलब्ध करवायी जा रही है। ऐसे आयोजनों को लेकर सोशल मीडिया पर काफी गुस्सा भी देखा जा रहा है।
ऐसे में उदयपुर जिला प्रशासन व पुलिस स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर ऐसे स्थानों यथा बार, रेस्तरॉ, होटल्स, पीजी, गेस्ट हाउस, स्पा सेंटर्स, ब्यूटी पार्लर्स, कैफे इत्यादि को चिन्हित करना चाहिए और जिनकी गतिविधियां संदिग्ध हैं, शिकायत प्राप्त हो तो विरुद्ध टालमटोल रवैया त्याग कर मुकदमा दर्ज करना चाहिए। साथ ही नियमित समयांतराल पर सघन जांच एवं तलाशी अभियान चलाना भी अपेक्षित है। अवैध/अनैतिक व्यापार एव गतिवधियां इत्यादि पर ठोस एवं प्रभावी कार्यवाही वाला दृष्टिकोण अपनाने पर ही उदयपुर का सामाजिक ताना बाना सुरक्षित हो सकता है। ज्ञातव्य है कि उदयपुर पर्यटन स्थल है और यकायक यह केंद्र बिंदु के रूप में उभरा है और महानगर की तर्ज पर विकसित किये जाने की रणनीति तैयार हुई है। जहां बड़े बिज़नेसमैन शहर में अपने बिजनेस मंसूबो को अमलीजामा पहनाने की जुगत में हैं।परिणामो में प्रकृति, सभ्यता, संस्कार, सँस्कृति, नव युवापीढ़ी, और नैतिकता का ह्यस होना शुरू हो गया है।