उदयपुर शहर के रियल एस्टेट सहित तीन कम्पनियों पर चल रहा आयकर विभाग के छापे की कार्रवाई पूरी हो गई। लेकिन दस्तावेजों की जांच-पड़ताल का काम अब भी जारी है। टीमों को 30 से ज्यादा लॉकर्स में 30 किलो से ज्यादा सोना मिला। इसमें से 7 किलो सोने के अलावा 100 किलो चांदी और 5 करोड़ रुपए नकद का कोई हिसाब-किताब नहीं मिलने पर इन्हें जब्त कर लिया गया है।भारी मात्रा में अघोषित सम्पत्ति और उसके दस्तावेज जब्त किए गए, जिनकी जांच जारी रहेगी।
अभी तक की जांच में अघोषित संपत्ति का आंकड़ा सौ करोड़ से पार हो गया है। खास बात ये है कि तीनों समूहों में ड्राइवर और नौकरों के नाम भी करोड़ों की बेनामी सम्पत्ति खड़ी कर रखी थी। आयकर विभागीय सूत्रों के मुताबिक छापे की कार्रवाई चौथे दिन पूरी होने के बाद टीमें लौट गई। जब्त किए गए रुपए और सोना-चांदी सोमवार को ट्रेजरी और बैंक में जमा कराए गए। शहर में 32 जगह चली छापे की कार्रवाई में अंतिम दिन तक 80 करोड़ अघोषित सम्पत्ति सामने आई थी, वहीं दस्तावेजों के अनुसार आंकड़ा 100 करोड़ से पार हो रहा है। सोमवार तक 100 करोड़ से ज्यादा की अघोषित संपत्ति का खुलासा हो चुका है।
दस्तावेजों की जांच-पड़ताल के बाद यह आंकड़ा 125 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार कागजों की जांच-पड़ताल में टीमों को अभी दो दिन का वक्त और लग सकता है। इस कार्रवाई के बाद से उदयपुर सहित प्रदेशभर के अन्य प्रोपर्टी कारोबारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है।कार्रवाई को आयकर विभाग की 35 टीमों के 250 अधिकारी-कर्मचारियों ने अंजाम दिया।
DLC रेट पर कैश में मोटी रकम का लेन-देन, आयकर रिटर्न तक जमा नहीं किया गया
कार्यवाही के दौरान आयकर विभाग जयपुर के छापे महानिदेशक राज टंडन के निर्देशन में प्रधान निदेशक सुधांशु झा, संयुक्त निदेशक उदयपुर जेएस राव और अपर निदेशक संग्राम जगदाले मौजूद रहे। टीमों ने आर्ची ग्रुप ऑफ बिल्डर्स के निदेशक ऋषभ भाणावत, मीनाक्षी प्राइम प्रॉपर्टी एंड फिन लीज के डायरेक्टर शांतिलाल जैन और होटल व खनन कंपनी बुला कंस्ट्रक्शन के डायरेक्टर नरेश बुला और इनके सहयोगियों के शहर में 30 अलग-अलग जगहों पर छापे मारे। कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं जिनमें भूमि, भवन, फ्लैट, होटल आदि की खरीदारी के दौरान सिर्फ डीएलसी रेट का ही लेन-देन दर्शाया गया है। इन सौदों में कैश में मोटी रकम का लेन-देन हुआ है। इसका रिटर्न जमा नहीं किया गया।