उदयपुर, 16 अप्रेल। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की शुक्रवार को उदयपुर यात्रा दौरान सर्किट हाउस में हुई जनसुनवाई में प्राप्त हुई परिवेदनाओं के निस्तारण के जिला प्रशासन ने गंभीरता दिखाते हुए कार्यवाही शुरू कर दी है। जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने शनिवार को अवकाश के बावजूद प्राप्त परिवेदनाओं से संबंधित विभागीय अधिकारी की एक महत्त्वपूर्ण बैठक रखी तथा परिवेदनाओं के त्वरित निस्तारण के लिए विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए।
250 से अधिक परिवेदनाएं मिली, पूरी गंभीरता से निस्तारण के निर्देश:
समीक्षा बैठक में जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने बताया कि मुख्यमंत्री की जनसुनवाई में 250 से अधिक परिवेदनाएं प्राप्त हुई हैं जिन्हें विभागवार चिह्नीत कर राजस्थान संपर्क पोर्टल पर चढ़वाया गया है। यहां से विभागीय अधिकारी ऑनलाइन इन परिवेदनाओं का निस्तारण करेंगे जिसकी मॉनिटरिंग जिला स्तर से भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी विभागीय अधिकारी व्यक्तिगत रूप से इन परिवेदनाओं के निस्तारण के लिए प्रयास करें और जिन परिवेदनाओं का संबंध राज्य स्तर से है उन्हें आगे फॉरवर्ड कर फॉलोअप लें। कलक्टर ने किसी भी रूप में इनके निस्तारण के ढिलाई न बरतनें के निर्देश दिए। एडीएम (प्रशासन) ओ.पी. बुनकर और सहायक निदेशक दीपक मेहता ने प्राप्त परिवेदनाओं और इनसे संबंधित विभागों के साथ ही संपर्क आर्ड के बारे में जानकारी दी।
22 को पुनः मुख्यमंत्री की यात्रा संभव:
बैठक में जिला कलक्टर मीणा ने कहा कि 22 अप्रेल को मुख्यमंत्री की यात्रा पुनः संभव है ऐेसे में सभी विभागीय अधिकारी शुक्रवार को मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों की पालना करें। कलक्टर ने यह भी बताया कि आगामी दिनों में मुख्यमंत्री कई बार उदयपुर की यात्रा पर आ सकते हैं ऐसे में अधिकारी परिवेदनाओं के निस्तारण और समीक्षा बैठक के लिए अपने विभाग की प्रगति को लगातार अपडेट करते रहें। कलक्टर ने आने वाले एक माह को महत्त्वपूर्ण बताते हुए फ्लेगशिप योजनाओं, बजट घोषणाओं, प्रशासन गांवों व शहरों के संग अभियान, भूमि आवंटन संबंधित विषयों सहित अपने-अपने विभाग के विकास कार्यों की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।
शहर में सड़क और सौंदर्यीकरण पर ध्यान दें:
समीक्षा बैठक में कलक्टर मीणा ने पर्यटन सिटी होने के साथ ही आगामी दिनों में मुख्यमंत्री महोदय के दौरों को देखते हुए शहर में सड़क व सौंदर्यीकरण से जुड़े विभाग यथा नगर निगम, स्मार्ट सिटी, यूआईटी और लोक निर्माण विभाग को सक्रिय होने के निर्देश दिए। उन्होंने सरकार बैठकों के लिए तय सभी सभागारों को अप-टू-डेट करने, सारे पर्यटन स्थलों की व्यापक साफ-सफाई करवाने, एयरपोर्ट से शहर की ओर की सड़कों की साफ-सफाई व दुरस्त करने सहित शहर की सड़कों की हालात सुधारने के निर्देश दिए। पीडब्ल्यूडी एसई अशोक शर्मा ने बताया कि फतेहपुरा से कलेक्ट्रेट तथा कोर्ट चौराहे से फतहसागर तक की सड़क को आगामी 10 दिन में पूर्ण कर लिया जाएगा। कलक्टर ने शहर के विभिन्न डिवाईडरों के जीर्णोद्धार के लिए यूआईटी व नगर निगम को निर्देश दिए। यूआईटी सचिव अरूण हसीजा व निगम आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ ने इस पर त्वरित कार्यवाही को आश्वस्त किया।
नदारद अधिकारियों के लिए दिखाई तल्खी, 17 सीसीए नोटिस देने के निर्देश:
कलक्टर के निर्देशों पर बुलाई बैठक में अधिकांश विभागीय अधिकारी नियत समय पर पहुंच गए थे परंतु कुछ विभागीय अधिकारी नहीं पहुंचे। कलक्टर ने इस स्थिति को बड़ी गंभीरता से लिया और कहा कि मुख्यमंत्री महोदय की जनसुनवाई में प्राप्त परिवेदनाओं के निस्तारण के लिए बुलाई बैठक में कुछ विभागों का नहीं पहुंचना उनकी लापरवाही को दिखाता है। उन्होंने एडीएम ओ.पी.बुनकर को निर्देश दिए कि गैर मौजूद विभागीय अधिकारियों को 17 सीसीए में कारण बताओ नोटिस जारी करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महोदय ने कहा है कि आगामी दिनों में वे विभागीय अधिकारियों की बैठक लेंगे और वे स्वयं इन परिवेदनाओं के निस्तारण की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करेंगे ऐसे में अधिकारियों को चाहिए कि वे इन परिवेदनाओं को निस्तारित करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखावें। बैठक में कलक्टर ने स्पष्ट चेतावनी दी कि किसी विभागीय अधिकारी की वजह से यदि जिले का नाम खराब होता है तो उस अधिकारी को बख्शा नहीं जाए