उदयपुर, 17 अप्रेल। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा राज्य के सभी श्रेणी के राजकीय चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध ओपीडी एवं आईपीडी सुविधाएं समस्त प्रदेशवासियों को पूर्णतः निःशुल्क करने की घोषणा के बाद जिलेवासियों को बिना पैसा खर्च किए चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने और इसके लिए पुख्ता व्यवस्था के लिए जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
चिकित्सालयों में लगाने होंगे सूचना पट्ट:
कलक्टर ने लोगों से इस सुविधा का लाभ उठाने का आह्वान किया है और कहा है कि वे किसी भी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में पर्ची, जांच व दवाईयों के लिए किसी प्रकार का शुल्क अदा नहीं करें। उन्होंने बताया कि सभी चिकित्सालयों में सदृश्य स्थानों पर आईपीडी एवं ओपीडी निःशुल्क होने की जानकारी आमजन के सूचनार्थ लिखी जाकर किसी के द्वारा इस हेतु राशिली जाने पर शिकायत करने और शिकायत हेतु फोन नंबर, ईमेल तथा स्थान के बारे में आमजन को अवगत कराने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ये व्यवस्थाएं भी करनी होगी:
कलक्टर ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार आईपीडी मरीजों को चिकित्सक द्वारा दवाईयां उपलब्ध कराने के लिए ऐसी व्यवस्था विकसित की जावें कि चिकित्सालय के स्टाफ द्वारा ही चिकित्सक द्वारा लिखित स्लिप ली जाकर डीडीसी या ड्रग स्टोर से दवा प्राप्त कर रोगी को उपलब्ध करा दी जावें। इसी प्रकार आईपीडी रोगी के टेस्ट हेतु सैंपल्स भी रोगी के बेड साइड से लेकर लैब तक पहुंचाने की व्यवस्था विकसित करनी होगी। इसी प्रकार आईपीडी व इमरजेंसी रोगियों के लिए दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए एक काउंटर 24 घंटे कार्यरत रखने व चिकित्सालय में 24 घंटे संचालित होने वाली हेल्पडेस्क स्थापित करने को कहा है। इस व्यवस्था के लिए यदि अतिरिक्त डीडीसी या मैन पावर की आवश्यकता हो तो इसके प्रस्ताव मुख्यालय को तत्काल भिजवाने के निर्देश दिए हैं।
पर्ची व जांच के लिए कोई शुल्क नहीं:
कलक्टर मीणा ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार 1 अप्रेल से सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में ओपीडी एवं आईपीडी में रजिस्ट्रेशन के लिए भी कोई शुल्क नहीं देना होगा। उन्होंने बताया कि राजकीय चिकित्सा संस्थानों में ओपीडी में आने वाले तथा आईपीडी में भर्ती मरीजों को समस्त दवाइयां एवं राजकीय चिकित्सा संस्थानों में जांचें निःशुल्क की जाएंगी। उन्होंने बताया कि राजकीय चिकित्सालयों में चिकित्सकों का दायित्व होगा कि वे चिकित्सालय के दवा वितरण केन्द्र में उपलब्ध दवा मरीजों को लिखें। उन्होंने बताया कि विशेष परिस्थिति में आवश्यक होने पर अन्य दवा नियमानुसार क्रय कर रोगी को उपलब्ध कराई जाएगी।
सीटी स्कैन, एमआरआई व डायलिसिस भी मुफ्त:
कलक्टर ने बताया कि विभिन्न राजकीय चिकित्सालयों में पीपीपी मोड पर संचालित सुविधाएं जैसे सीटी स्कैन, एमआरआई एवं डायलिसिस आदि भी रोगियों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने बताया कि संबंधित पीपीपी पार्टनर को इसके लिए उनके द्वारा रोगी से लिया जाने वाला शुल्क संबंधित चिकित्सा संस्थान द्वारा भुगतान किया जाएगा और इसके लिए आवश्यक बजट उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि ये सुविधा राज्य के समस्त प्रदेशवासियों के लिये निःशुल्क उपलब्ध होगी। परंतु राज्य के बाहर से आने वाले मरीजों से नियमानुसार शुल्क लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि मरीज के प्रदेशवासी होने प्रमाण के रूप में मरीज का जन आधार कार्ड अथवा अन्य दस्तावेज लिए जाएंगे। मरीज के उपचार से संबंध नहीं रखने वाली अन्य सुविधायें जैसे पार्किंग, कैंटीन, कॉटेज वार्ड आदि का शुल्क राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी की नियमावली के अनुसार यथावत रहेगा।