
वीडियो : स्वरुपसागर पाल पर तीन जगहों से लीकेज,जितना पीते नहीं उससे ज्यादा बहा देते पानी !
उदयपुर की झीलों की रूमानी खूबसूरती बयान करने के लिए अगर आपके पास शब्द है तो निश्चय ही आप शब्दों के बाज़ीगर रहा करते होंगे| उदयपुर की खूबसूरती यहाँ की झीलें भरने की ओर अग्रसर है और हर उदयपुर वासी इस बात से प्रफुल्लित है कि जाती बरसात झीलों का दामन पानी से भर गयी। निहायत ही खूबसूरत झीलें देखने स्थानीय नागरिकों सहित पर्यटक झीलों का दीदार करने पहुँच रहे है।ऐसा कोई उदयपुर वाला शायद ही हो जिसे झीलों को निहारना पसंद न हो।
लेकिन बेहद खूबसूरत झील पीछोला के स्वरुपसागर पाल से इतना ज्यादा पानी व्यर्थ बह जाता है जितना हम उदयपुरवासी साल भर पी नहीं पाते।उदयपुर के पीछोला झील के स्वरुप सागर की पाल पर तीन अलग अलग जगहों से लाखों लीटर पानी रोज नालियों में बह कर जा रहा है। ज़िम्मेदार अफसरों को केवल दो जगह लीकेज का पता है लेकिन तीसरे लीकेज का उन्हें अब तक पता नही चल पाया है जिसे न्यूज़एजेंसीइंडियाडॉटकॉम ने अपने वीडियो के माध्यम से सिलसिलेवार बताने की कोशिश की है।ज़िम्मेदार अफसर कहते है कि इस पानी को रोका नहीं जा सकता जबकि तकनीक के युग में ऐसा कहना उनके काम से पीछा छुड़ाने की प्रवत्ति दिखाता है। दरअसल जब तक आप पानी को बहता रोक नहीं पा रहे तब तक आप अलग अलग बावड़ियों,पार्को को इस पानी से रिचार्ज करवाने की व्यवस्था करवा सकते है। आप इस पानी का उपयोग कर कई छोटे वाटर रेसेर्वियर बना सकते है जो लगातार शहर के भूजल स्तर को भरा रख सकते है। बरहाल न्यूज़एजेंसीइंडिया का कहना है ऐसा कोई लीकेज नहीं होता जिसे मानव और विज्ञानं पाट नहीं सकता।
पीछोला के के स्वरुप सागर की पाल के नीचे सबसे बड़ा लीकेज (देखे वीडियो) खटीक समाज के चारभुजा नाथ मंदिर हाथीपोल के पास झरिआ मार्ग के पास मीट मार्केट के ऊपर है जिसमे दरअसल एक कुई है जो कि 40 फ़ीट गहरी है और ये पाल के लेवल से नीचे है। न्यूज़ के साथ पोस्ट किये वीडियो में आप व्यर्थ बहता हज़ारो लीटर स्वच्छ पानी देख सकते है।
दूसरा लीकेज स्वरूपसागर की पाल के ठीक नीचे मीट मार्केट के पीछे देख सकते है। (देखे वीडियो) लीकेज इतना बड़ा है कि लगभग 10 लीटर पानी प्रति सैकंड व्यर्थ बह कर नालियों में बहा जा रहा है। हाल ही में नगर निगम के अधिकारियों ने दौरा कर मौके को देखा और पानी का इस्तेमाल दिल्ली गेट फ़व्वारे की निरर्थक योजना की बात कही। भला बारह महीने थोड़े ही बहता है ये पानी जिससे ये फव्वारे चलाएंगे। मजे की बात ये है कि किसी अधिकारी ने लीकेज रोकने अथवा बंद करने की बात नहीं कही।
साथ ही ऊपर पाल की तरफ अख़ाडे के पास से भी लगभग इतना ही पानी नालियों में बह रहा है।(देखे वीडियो) कोई जिम्मेदार यह नहीं सोच रहा कि अगर ये लीकेज रोक दिए जाए तो उदयपुर शहर को 80 दिन से ज्यादा का पानी अतिरिक्त मिल सकता है और झीलें भी ज्यादा दिन तक भरी रह कर खूबसूरत बनी रह सक सकती है । लेकिन झील से जुड़े स्थानीय निकायों (नगर निगम उदयपुर, झील सरंक्षण समिति ,नेशनल लेक कंज़र्वेशन प्रोजेक्ट और नगर विकास प्रन्यास) और अन्य झील संरक्षण से जुड़े संगठन अब तक चुप ही बैठे है। पानी बह जाये तो बह जाये,इन्हे क्या ?
नोट : उपरोक्त तथ्य लोगों की जानकारी के लिए है और काल खण्ड ,तथ्य और समय की जानकारी देते यद्धपि सावधानी बरती गयी है , फिर भी किसी वाद -विवाद के लिए अधिकृत जानकारी को महत्ता दी जाए। न्यूज़एजेंसीइंडिया.कॉम किसी भी तथ्य और प्रासंगिकता के लिए उत्तरदायी नहीं है।
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