तेज बारिश में घुमाता रहा उदयपुर नगर निगम का अधिकृत वेंडर पिछोला झील में नाव, दुर्घटना की स्थिति में कौन होगा जिम्मेदार - निगम,पुलिस या आरटीओ ?
वर्षाकाल में संभावित दुर्घटना के मद्देनजर जलाशयों, तालाबों, बांधों या नदी नालों में मत्स्य आखेट में प्रयुक्त नौकाएं एवं यात्री परिवहन करने वाली नौकाओं द्वारा राजस्थान बोट रेग्यूलेशन एक्ट 1956 के समस्त प्रावधानों का पालन करना होता है।
यात्री परिवहन नौका पर लाइसेंस एवं फिटनेस प्रमाण पत्र, नाविक का नाम व बैठक क्षमता लिखा होना आवश्यक है, साथ ही नौका में बैठक क्षमता के अनुरूप सुरक्षा जैकेट एवं अन्य उपकरण रखना अनिवार्य होता है।
लेकिन 25 अगस्त 2024 की शाम 6:30 बजे तक नगर निगम द्वारा अनुबंधित ठेकेदार की नाव पिछोला में तेज बारिश के दौरान संचालित होती देखी गई है। आपको बताते चलें की बारिश के दौरान नाव संचालन अवैध होता है ,साथ ही आरटीओ समेत निगम और स्थानीय पुलिस कार्रवाई करने के लिए अधिकृत होते हैं। तेज बारिश की स्थिति में नाव पलटने की संभावना बनी रहती है।राजस्थान बोटिंग एक्ट के अंतर्गत बारिश के वक्त नाव संचालन नहीं किया जा सकता है। फोटो में आप देख सकते हैं कि बारिश के दौरान पिछोला में नगर निगम द्वारा नियुक्त किए गए संवेदक ने नाव चला कर जन समुदाय को खतरे में डाला है ,तो क्यों ना नगर निगम उपरोक्त वेंडर का लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई करता है? क्योंकि एक साथ कई लोगों की जान झोखिम में डालने का जिक्र वीडियो में साफ परिलक्षित हो रहा है।
दूसरा आरटीओ की जिम्मेदारी बनती है कि क्यों ना उपरोक्त वेंडर की बारिश में चलने वाली नावों का लाइसेंस तुरंत प्रभाव से निरस्त कर दिया जावे।
तीसरा स्थानीय पुलिस यथा घंटाघर पुलिस और सूरजपोल पुलिस से उम्मीद की जाती है कि जन समुदाय की सुरक्षा को खतरे में डालने वाले संवेदक के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जावे।
जिम्मेदार:
1.नगर निगम का गैराज विभाग
2.आरटीओ
3. स्थानीय पुलिस