उदयपुर में चाकूवार में घायल छात्र देवराज ने दम तोड़ा,आज सुबह होगा अंतिम संस्कार
उदयपुर शहर के भट्टियानी चौहट्टा स्थित स्कूल में 16 अगस्त को हुए चाकूवार में गंभीर घायल 10वीं के छात्र देवराज ने सोमवार शाम को दम तोड़ दिया। राखी के दिन दोपहर में बहन सुहानी और चचेरी बहनों ने अस्पताल में उपचाररत भाई देवराज को राखी भी बांधी, लेकिन दोपहर बाद आई हृदयविदारक सूचना ने पूरे शहर को झकझोर दिया।
देवराज की मृत्यु की सूचना आते ही शहर के बाजार बंद होते गए। लोग अस्पताल की ओर बढ़ने लगे, जब अस्पताल में भीड़ बढ़ने लगी तब पुलिस ने अस्पताल के सभी द्वार बंद कर दिए। द्वार पर एकत्र होने वालों को भी लगातार खदेड़ा गया। अस्पताल पहुंचे युवाओं ने इमरजेंसी के गेट के सामने नारेबाजी की। समाज और संगठनों की ओर से उन्होंने पीड़ित परिवार के लिए एक करोड़ रुपए, सरकारी नौकरी और परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की। मांग पूरी नहीं होने तक उन्होंने शव लेने से इनकार कर दिया। मृतक देवराज की मां का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। वह चीख-चीख कर कह रही थी कि हत्यारे को फांसी दो।संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट, कलक्टर अरविंद पोसवाल, एसपी
योगेश गोयल, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, उदयपुर शहर ताराचंद जैन व अन्य जनप्रतिनिधि परिवार और समाज के साथ समझाइश में जुटे रहे। बाद में 51 लाख रुपए मुआवजे, एक नौकरी और परिवार की सुरक्षा के वादे पर समझौता हुआ।
वार्ता के दौरान इमरजेंसी से बाहर आए संभागीय आयुक्त ने मीडिया से कहा कि चिकित्सकों ने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन भगवान को जो मंजूर था वही हुआ। गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने आमजन से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। बेढम ने कहा कि घटना दुखद है। आमजन से निवेदन है कि आपसी सौहार्द बनाए रखें।
चार दिन से बताया जा रहा था वेंटिलेटर पर लोगों का प्रशासन पर भ्रमित करने का आरोप
16 अगस्त को सुबह करीब साढ़े दस बजे हुई इस वारदात के बाद से ही देवराज की स्थिति को लेकर असमंजस बना हुआ था और इसी वजह से लगातार अफवाह फैल रही थी। लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने छात्र की वास्तविक स्थिति को लगातार छुपाए रखा। लोगों का यह भी कहना है कि प्रशासन इस बात को और छुपाए रखता यदि राखी पर बहनें राखी बांधने न जातीं। संभवतः उन्होंने भाई की स्थिति की चर्चा घर पर आकर सभी से कर दी, तब प्रशासन के लिए वास्तविकता को छिपाए रखना संभव नहीं रहा।
क्या हुआ समझौता में
- परिवार ने 2 करोड़ मुआवजा चाहा था, 51 लाख रुपए पर सहमति बनी।
- स्थायी नियुक्ति की मांग की, संविदा पर प्रशासन सहमत, स्थायी के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
- मामला केस ऑफिसर स्कीम में दिया जाएगा ताकि त्वरित न्याय हो सके।
- परिवार को सुरक्षा की गारंटी दी जाएगी