उदयपुर, 27 अप्रैल 2022 : उदयपुर की झीलों का भगवान ही धरी धोरी है ,ये बात पिछले दिन हुई झील संरक्षण कमेटी का फैसले से स्पष्ट होती दिखाई दी है। अभी दो महीने पहले नगर निगम की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव लेने के बाद मेयर जी.एस. टांक ने सड़क मार्ग से पहुंच वाली होटलों की नावें पीछोला झील से बाहर करने की बात कहकर स्थानीय प्रशासन को भी पत्र लिख साफ कर दिया था।
उसके बाद होटल एसोसिएशन वाले कलेक्टर से मदद की गुहार लेकर पहुँच गए और पर्यटन का वास्ता देकर नावों को बहाल करने की बात कही गयी। इस पर कलेक्टर ने झीलों का मुआयना करने के बाद झील संरक्षण एवं विकास समिति की बैठक में फैसला लेने की बात भी कही थी।
लेकिन झील संरक्षण एवं विकास समिति की सोमवार को हुई बैठक में नावें बंद करने की बात पर न तो कोई चर्चा की गई और न इस सम्बन्ध में कोई फैसला लिया गया। अलबत्ता झील में संचालित होटलों की 18 नावें कम करने का प्रस्ताव जरूर ले लिया गया। सूत्रों के अनुसार अभी पीछोला झील में 78 नावें चल रही हैं जिसमें 8 होटल वालों की 60 और नगर निगम के ठेकेदार की 18 नावें हैं।
लेकिन इस बैठक में एक पाँच सितारा होटल की नाव पर प्रतिदिन शराब के साथ डिनर पार्टी करने वाली नाव का ज़िक्र तक नहीं किया गया और न ही किसी सदस्य ने इस पर कोई आपत्ति की ।
अलबत्ता पीछोला झील में सभी जेट्टीया एक जैसी रखने के मानक तय करने की बात जरूर की गई। जेट्टीयों की लंबाई-चौड़ाई के लिए मानक मॉडल बनाकर उसके अनुरूप जेटियां स्थापित करने की बात की गई। उदयपुर के चार विभागों की एक्सपर्ट कमेटी जेटियों का मॉडल तय करेगी और 15 दिन में रिपोर्ट पेश करेगी जिसे झील प्राधिकरण को भेजने की बात कही गयी है।
इसके साथ ही पीछोला-फतहसागर में नियमित पेट्रोलिंग और रेस्क्यू के लिए निगम-यूआईटी से दो नाव झील में उतारने का प्रस्ताव भी लिया गया। लेकिन इनके संचालन को लेकर अभी कोई बात सामने नहीं आयी है।
इसके साथ ही जिन नावों में रेस्टोरेंट और स्पा की सुविधा है ,उन्हें झील से हटाने की बात कही गयी है।(लेकिन कौनसा विभाग इसे झील से हटाएगा, इस बावत कोई बात ही नहीं हुई)
महत्वपूर्ण बात ये रही कि होटल की नावें केवल पर्यटकों काे लाने-ले जाने का काम कर पाएंगी। पूर्व में होटल वाले अपनी मनमर्जी से पर्यटकों को झील में घुमा कर चांदी कूट रहे थे। जबकि झील में यात्रियों को घुमाने के लिए नगर निगम ने टेंडर किया हुआ हैं। इससे पहले कुछ होटलों को भी बोटिंग कराने की अनुमति से झील में नावें बढ़ गई हैं। इसलिए होटलों की नावों को केवल पर्यटकों को होटल तक लाने ओर ले जाने की अनुमति दी जाएगी।होटल वालों द्वारा पर्यटकों को झील भृमण पर रोक लगाने के प्रस्ताव के कमेटी के निर्णय को राजस्थान झील विकास प्राधिकरण को भेजा जाएगा। जिसका निर्णय प्राधिकरण ही करेगा।
इसके साथ ही बैठक में नावों के संचालन हेतु प्रयुक्त ईंधन के उपयोग के संबंध में हाई कोर्ट द्वारा 30 मार्च को दिए गए निर्णय की पालना में 6 महीनों में नावों को बैटरी/सोलर उर्जा में परिवर्तित करने के निर्देश दिए गए।
वही बैठक में उदयपुर में ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने कहा- यदि होटल की नाव संचालन के दौरान कोई भी नियम तोड़ती है तो जुर्माने के बजाए लाइसेंस निरस्त करने की कार्यवाही होनी चाहिए।
इसके साथ ही रेस्टोरेंट-स्पा वाली नावें झील से बाहर करने की बात भी कही गयी। होटल उदयकोठी की नावों में से एक रेस्टोरेंटनुमा नाव, दूसरी स्पा के लिए काम में ली जाने वाली नाव और 3 की भ्रमण के लिए स्वीकृति ली हुई है। इन पांचों नावों की स्वीकृति निरस्त कर दी गई है। अब उदयकोठी होटल की केवल 2 नावों का संचालन यात्रियों को लाने ले जाने में किया जाएगा।
इसी कड़ी में होटल जगत निवास की दो नावों में से 1 नाव की आकृति बड़ा करने के साथ ही रेस्टोरेंट नुमा बनाया हुआ है।
निगरानी के लिए लगेंगे नावों पर जीपीएस, रूट भी तय
होटलों और नगर निगम की नावों का झील में निर्धारित मार्ग तय किया हुआ है।लेकिन मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण निर्धारित मार्ग पर होटलों द्वारा नाव संचालन नहीं किया जाता है और कई नावें रात के समय भी बिना स्वीकृति के चलती पाई जाती है।इसके लिए नाव संचालन के मार्ग का निर्धारण करने के साथ ही समस्त नावों पर जीपीएस सिस्टम लगवाने का निर्णय किया गया है जिसे छह महीने में पूरा करने की बात की गई है ।
किन किन होटल वालों की नावों पर गिरी है गाज
- होटल ट्राइडेंट उदयविलास की 12 नावों में 6 नावों को निरस्त किया गया है।
- होटल लेक पीछोला की एक नाव स्वीकृत है।
- होटल आमेट हवेली की एक नाव स्वीकृत है।
- होटल उदय कोठी की 7 नावों में से 5 नावों को निरस्त कर दिया गया है।
- होटल लीला पैलेस की 6 नाव यथावत रखी गई है ।
- होटल जगत निवास की दो नावो में से एक नाव को मूल स्वरूप में लाने की बात की गई है ।
- होटल ताज लेक पैलेस कि 17 नावों में तीन को निरस्त किया गया है ।
- जग मंदिर की 14 नावों में से 4 को निरस्त किया गया