उदयपुर को G 20 शिखर सम्मेलन की शेरपा बैठक के लिए चुना जाना उदयपुर के साथ पूरे राजस्थान के लिए गौरव की बात है । G 20 शिखर सम्मेलन की शेरपा बैठक की तैयारियों का जायजा लेने शनिवार को विदेश मंत्रालय की टीम उदयपुर पहुंची है और आज भी रणकपुर सहित अन्य इलाकों को देखने उक्त दल जाकर आया है। इसी टीम के साथ मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स के जॉइंट सेकेट्री नगराज नायडू विभिन्न जगहों पर जाकर जानकारी लेकर मुआएना कर रहे है और अधिकारियों के रास्ते का रूट प्लान भी देखा जा रहा है। इसके साथ डबोक एयरपोर्ट पर सुरक्षा इंतजाम देखने के साथ ही सम्मेलन की शेरपा बैठक को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा की जा रही है।
ऐसे में जब केन्द्र के अधिकारी उदयपुर में मौजूद है, उसी दिन उदयपुर के खांजीपीर इलाक़े में हिस्ट्रीशीटर के साथ 10-12 लोग फायरिंग कर एक व्यक्ति को घायल कर देते है। हालाँकि प्रथम दृष्ट्या फायरिंग का मामला व्यक्तिगत विवाद का दिखाई दे रहा है लेकिन घटनाक्रम को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता । ऐसे में जब केंद्र के आलाधिकारी उदयपुर में मौजूद है और फायरिंग की घटना पुलिसिया सिस्टम पर कई सवाल पैदा कर रही है। निश्चित तौर पर घटनाक्रम की सूचना आये हुए दल के साथ केंद्र के खुफिया तंत्र को भी पता चल चुकी होगी।
इससे पहले मंगलवार 1 नवम्बर 2022 की रात उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड जैसी घटना कारित कर देने जैसी धमकी देने के बाद एक युवक पर घर में घुसकर तलवारों से हमला किया गया। उदयपुर के अम्बामाता थाना क्षेत्र के सज्जननगर इलाके में रात में तकरीबन 10 -12 समाजकंटकों ने विशाल नाम के युवक के घर में घुसकर तलवारों से हमला कर दिया , जिससे विशाल लहूलुहान हो गया और हमलावर ये कहते हुए भाग निकले कि कन्हैयालाल वाली घटना याद रखना। पहले ही कन्हैयालाल हत्याकांड की घटना से उदयपुर का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुँच गया है। उदयपुर में 6 दिन में इस तरह की वारदातें निश्चित तौर पर उदयपुर पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्न पैदा कर रही है। क्या उदयपुर पुलिस का इकबाल इतना ढह गया है कि छूट भैये अपराधी घर में घुस कर बेख़ौफ़ फायरिंग कर रहे है और दूसरी तरफ तलवार बाजी कर लोगों में ख़ौफ़ पैदा कर रहे है।
ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब केंद्रीय दल शेरपा बैठक की तैयारियों के साथ सुरक्षा का जायज़ा लेने उदयपुर में है , तब उदयपुर की पुलिस इतनी भी चौबंद नहीं है कि अपराधियों की गैंग हथियारों के साथ वाहनों पर घूमती हुई वारदात कारित कर रही है। इससे पहले भी खुफिया तंत्र की नाकामी और उदयपुर पुलिस की लापरवाही की वजह से कन्हैया लाल हत्याकांड की वजह से पुलिस की चहुँओर बदनामी हो चुकी है।
बरहाल उदयपुर पुलिस से उदयपुर की जनता को बड़ी उम्मीदें है और आने वाली G20 की शेरपा बैठक से पहले कम से कम ऐसे अपराधों को रोककर अपना इकबाल फिर से खड़ा कर सकती है।