उदयपुर,26 जून 2022 :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एक बार फिर 'मन की बात' कार्यक्रम से लोगों तक संवाद कायम किया गया । पीएम मोदी ने कार्यक्रम की इस कड़ी की शुरुआत इमरजेंसी कार्यकाल से की। इसके बाद देश के डवलपमेंट और युवाओं की ओर से किए गए बदलावों पर चर्चा को आगे बढ़ाया।
युवाओं में बदलाव की चर्चा करते हुए पीएम मोदी राजस्थान के उदयपुर जिले के सुल्तान बावड़ी का भी जिक्र कर गए। अपने भाषण में उदयपुर की सुल्तान बावड़ी का उदाहरण देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि राजस्थान के उदयपुर में जो सुल्तान बावड़ी है, वहां युवाओं की ओर से किया गया प्रयास काबिले ए- तारीफ है। पीएम मोदी ने बताया कि किस तरह कुछ युवाओं ने मिलकर इस बावड़ी का कायाकल्प कर दिया कि वह सुल्तान से लेकर सुर-तान बावड़ी के नाम से पहचानी जाने लगी है। इस बावड़ी के कायापलट का श्रेय उदयपुर के आर्किटेक्ट सुनील लढ़ा को जाता है, जो करीब नौ महीने पहले यहां घूमने आए, उनके प्रयासों से कई युवा उनसे जुड़े और अब इस बावड़ी में सुर और तान छिड़ते दिखाई देते हैं।
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि उदयपुर की सैंकड़ों साल पुरानी एक बावड़ी है, सुल्तान की बावड़ी। इसे राव सुल्तान सिंह ने बनवाया था, लेकिन उपेक्षा के कारण धीरे- धीरे यह जगह वीरान होती गई और फिर कूड़े – कचरे के ढेर में तब्दील हो गई। एक दिन कुछ युवा इस सुल्तान की बावड़ी पर पहुंचे और इसकी स्थिति देखकर दुखी हुए। इसके बाद उन्होंने उसी क्षण इस बावड़ी की तकदीर और तस्वीर बदलने का संकल्प लिया। इसके बाद एक मिशन के तहत इस काम को पूरा किया है।
कहाँ है ये सुलतान की बावड़ी
उदयपुर शहर से करीब दस किलोमीटर दूर बेदला गांव में सैकड़ों साल पहले तत्कालीन शासक राव सुल्तान सिंह ने एक बावड़ी का निर्माण किया था। जो रख-रखाव के बगैर निर्जन होकर खंडहर में तब्दील होती नजर आ रही थी। इस बावड़ी पर यदा-कदा भी लोग नहीं जाया करते थे। बावड़ी की दीवारों और चारों ओर खरपतवार उग चुका था और बावड़ी का पानी केमिकल की तरह हो गया, जो पूरी तरह जहर सरीखा बन चुका था।