उदयपुर। पारस सिंघवी उदयपुर में एक ऐसा राजनीतिक चेहरा है जो अपनी अलग पहचान रखता है। लोगों का मत है कि वे धुरंधर राजनीतिक होने के साथ भावुक है,गुस्सैल है और बोलने की कला में पारंगत है। इस सब गुणों के बावजूद राजनीति पथ पर इस बार उदयपुर के लोगों के साथ पारस सिंघवी की उम्मीदों पर पानी फिर गया और उदयपुर भाजपा की ओर से शहर विधानसभा टिकट तारा चंद जैन को दे दिया गया।
इस पर विरोध स्वरूप पारस सिंघवी और उनके समर्थकों ने स्वाभिमान रैली निकाल अपनी आवाज उठाने की कोशिश की। तो उसके बाद शिवाजी नगर हॉल में अपने समर्थकों को सम्बोधित किया और वहाँ भी वे भावुक हो उठे। उदयपुर की भाजपा की राजनीति के चाणक्य गुलाब चंद कटारिया को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने यहाँ तक कह डाला कि गुलाब जी भाईसाहब यहाँ की राजनीति को दूषित कर रहे है। उनके अब तक के भाषण में कहीं पर पारस सिंघवी द्वारा भाजपा के खिलाफ कोई बात नहीं कहीं गई। लेकिन उनके अनुसार उनका टिकट महामहिम गुलाब चंद कटारिया के कारण काटा गया है क्योंकि उनकी जानकारी अनुसार उनका नाम पैनल में था फिर भी महामहिम गुलाब चंद कटारिया ने सिंगल नाम गृह मंत्री अमित शाह के सामने रख दिया। पारस सिंघवी द्वारा जिस तरह खुल कर उदयपुर के वरिष्ठ भाजपा नेता और असम राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया का विरोध किया गया है उसे देख लोग कयास लगा रहे है कि अब शायद भाजपा में उनकी स्वीकार्यता दांव पर लग जाएगी और इस घटना के बाद कहीं उपमहापौर पद खतरें में न पड़ जाय। इसी बीच बीते कुछ दिनों से पारस सिंघवी नगर निगम ऑफिस नहीं जा रहे है और संभवतया कुछ मिनटों के लिए निगम आफिस में उन्होंने महापौर गोविंद सिंह टांक से मुलाकात की है। वहीं आज महर्षि गुरु वाल्मीकि जी की जयंती पर नगर निगम उदयपुर में वाल्मीकि समाज जन द्वारा जन्म जयंती मनाई गई, इस अवसर पर निगम उपमहापौर पारस सिंघवी कार्यक्रम में में सम्मिलित हुए। आज की इस घटना से यह स्पष्ट हो गया कि फिलहाल उदयपुर नगर निगम और पारस सिंघवी एक साथ हैं।
भावुकता,गुस्से और राजनीति के दौर में पारस सिंघवी ने वर्तमान भाजपा प्रत्याशी तारा चंद जैन को सनातन को न मानने वाला बताया और कहा कि वे संतो को नहीं मानते है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी तारा चंद जैन ने उनके इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है । इसके बाद पारस सिंघवी ने तारा चंद जैन के खिलाफ आरोप लगाए है कि उन्होंने अब तक भाजपा के साथ ही अन्दर खाने चोट पहुंचाई है और कई मौकों पर तारा चंद जैन का स्टैंड पार्टी के खिलाफ रहा है।
अभी तक पारस सिंघवी ने अपने पत्ते नहीं खोले है और ये भी नहीं बताया है कि क्या वे निर्दलीय चुनाव लड़ने जा रहे है अथवा नहीं ? इसी बीच उदयपुर के राजनीतिक गलियारों में पारस सिंघवी को जनता सेना द्वारा सीट पेशकश की जा सकती है ,ऐसी अफवाहों का बाजार गर्म है और अफवाहों के पीछे उनकी पिछले दिनों जनता सेना नेता मांगी लाल जोशी के एक मंच साझा कर आत्मीय मुलाकात को भी माना जा रहा है। इसी बीच जनता सेना के सूत्र भी पारस सिंघवी द्वारा जुड़ने की बातों को सिरे से खारिज नहीं कर रहे है। मतलब साफ है पारस सिंघवी के तरकश में अभी खूब तीर मौजूद है।
वहीं सोशल मीडिया पर एक ओर हव्वा मच रहा है। कुछ कांग्रेसी पार्षद और नेता कयास लगा रहे है कि उदयपुर कांग्रेस से पारस सिंघवी को मौका देकर मुकाबला कड़ा किया जा सकता है हालांकि अंदरखाने ऐसा होने पर स्थानीय काँग्रेस में विरोध तय है और ऐसा होने की उम्मीदें क्षीण ही है।
पारस सिंघवी ,जहाँ चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष है तो वहीं ट्रेवल्स एसोसिएशन के भी अध्यक्ष है। इसके साथ ही कई व्यापारिक संगठनों और समाजों,धार्मिक संगठनों से जुड़े है। इसी बीच आज आदिनाथ भवन सेक्टर 11 में आयोजित एक कार्यक्रम में शनिवार को बडी संख्या में संत महंतों और समाजों के वरिष्ठों ने उप महापौर पारस सिंघवी का समर्थन किया और कहा कि वे सब उनके साथ है। गैर राजनीतिक इस कार्यक्रम में संतों ने कहा कि आज की सबसे बडी जरुरत सनातन धर्म को बचाने की है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने ऐसे व्यक्ति जो धर्म को नहीं मानता, साधु संतों में विश्वास नहीं रखता उसको उदयपुर शहर विधानसभा से टिकिट देकर उचित निर्णय नहीं किया। संतों ने कहा कि अगर नेतृत्वकर्ता ही सनातन विरोधी होगा तो उस पर कैसे विश्वास किया जा सकता है। इस मौके पर कई समाजों के व्यक्तियों और पदाधिकारियों ने भी अपने विचार रखे और उप महापौर पारस सिंघवी का समर्थन करते हुए कहा कि वे निर्णय लेंगे सभी उनके साथ खडे रहेंगे। सिंघवी को अभी विष का घूट पीना पड रहा है, लेकिन हम सब यह कोशिश करेंगे कि विष का यह घूट गले से नीचे नहीं उतरे। यह सही है कि भारतीय जनता पार्टी ने एक उर्जावान और सनातनी व्यक्ति को नहीं पहचाना है, लेकिन उपयुक्त समय का सभी को इंतजार करना चाहिए।
इस मौके पर पारस सिंघवी ने पधारे हुए सभी संत महंतों का स्वागत करते हुए कहा कि वे जो आशीर्वाद देंगे उसको शिरोधार्य करेंगे। वे नहीं चाहते कि भारतीय जनता पार्टी को किसी भी तरह से ठेस पहुंचाये, क्योंकि पार्टी के 40 साल पुराने सिपाही है। उनकी रग रग में भाजपा है। सिंघवी ने कहा कि यह कार्यक्रम किसी राजनीति को लेकर नहीं बुलाया गया, बल्कि सनातन को मजबूत करने की उनकी मंशा है। इस मौके पर सगसजी बावजी स्थानक मंडी की नाल के पुजारी मीठालाल चित्तौडा, काली कल्याण धाम मंडी की नाल के पुजारी सुशील चित्तौडा, काली कल्याण उपासक हेमंत जोशी सहित कई प्रमुख स्थानकों के पुजारी और कई समाज के पदाधिकारी उपस्थित थे।