उदयपुर 21 मार्च। गर्मी की ऋतु में खिलने वाले फागुन के पुष्प, किंशुक और जंगल की ज्वाला के नाम से प्रसिद्ध पलाश के फूलों से लकदक उदयपुर की ‘पलाश वैली’ में फूलों के सौंदर्य से अभिभूत उदयपुर कलक्टर ताराचंद मीणा ने सोमवार को अधिकारियों की बैठक लेकर शहर में पलाश वन विकसित करने के निर्देश दिए।
कलक्टर मीणा ने जिला परिषद सभागार में आयोजित बैठक में अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि गर्मियों की ऋतु में जब सभी पेड़-पौधों से पत्ते झड़ जाते हैं तब पलाश का फूल सुर्ख लाल-केसरी रंग की आभा के साथ खिल उठता है और वन क्षेत्र में अलग ही सौंदर्य बिखेरत है। उन्होंने कहा कि शहर में स्थित खेलगांव के पास की पहाडि़यां वनस्पति विहीन है ऐसे में यहां पर पलाश के पौधों का रोपण करते हुए इसे पलाश वन के रूप में विकसित किया जा सकता है। इस कार्य के लिए उन्होंने वन विभाग को तकनीकी मार्गदर्शन देने और नगर विकास प्रन्यास के सचिव अरूण कुमार हसीजा को पलाश का पौधरोपण करवाने की जिम्मेदारी सौंपी।
इसी प्रकार उन्होंने स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत शहर में हाल ही में शहर कोट के जीर्णोद्धार कार्य की तारीफ करते हुए कहा कि शहर कोट के आसपास भी पलाश के पौधों का रोपण करवाया जा सकता है। इस कार्य के लिए उन्होंने स्मार्ट सिटी सीईओ प्रदीपसिंह सांगावत को निर्देश दिए।
डाइट परिसर में होगा अगला वन महोत्सव:
कलक्टर ने बैठक दौरान वर्षा ऋतु की शुरूआत पर अगला वन महोत्सव डाइट परिसर में आयोजित करने की घोषणा करते हुए सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि बीस सूत्री कार्यक्रम के तहत जिन विभागों के पास बड़ा परिसर उपलब्ध है, वहां पर यूआईटी के माध्यम से पौधरोपण करवाया जा सकता है। इसके लिए उन्हांेने समस्त संबंधित विभागों को पौधरोपण के लिए अपने प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।