उदयपुर। नगर निगम महापौर गोविंद सिंह टॉक एवं उप महापौर पारस सिंघवी ने बुधवार को देहली गेट चौराहे पर अतिक्र मण कार्यवाही पश्चात वर्षो बाद दर्शनार्थ गणपति जी मंदिर के शुद्धिकरण बाद विधिवत पूजा अर्चना कर शहर वासियों के लिए खुशहाली की कामना की।
नगर निगम उपमहापौर एवं स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष पारस सिंघवी ने बताया कि मंगलवार को देहली गेट पर निगम द्वारा की गई ऐतिहासिक कार्रवाई के बाद कई मंदिर दर्शनार्थ प्रकट हुए। इसी में मुख्य मार्ग पर गणपति जी का मंदिर स्तिथ है। मंगलवार को कार्यवाही के बाद बुधवार को पूरी तरह शुद्धिकरण किया गया। पुजारी द्वारा पूरे विधि विधान से गणपति जी को माली पन्ना और सिंदूर की आगी धराई गई। महापौर गोविंद सिंह टाक स्वयं ने प्रथम पूज्य गणपति जी की पूजा अर्चना कर आरती की। इस दौरान वहा क्षेत्र वासियों और राहगीरों का मजमा लग गया। महापौर ने सभी दर्शनार्थियों को प्रसाद के रूप में लड्डू बांटे।
महापौर ने सुनाया वृतांत
बुधवार को देहली गेट पर गणपति जी की पूजा अर्चना के पश्चात महापौर ने अपने पूर्व समय का स्मरण करते हुए कहा कि बाल्य काल में जब वह अपने पिताजी के साथ राजसमंद से आते थे तब बस द्वारा इसी स्थान पर उतरकर यहां गणपति जी को धोक लगाकर ही अपने घर की तरफ प्रस्थान करते थे। लेकिन आसपास किए गए अतिक्रमण के कारण गणपति जी को छुपा दिया गया था जो नगर निगम द्वारा की गई कार्यवाही में फिर से प्रकट हुए है।
उपमहापौर ने फिर की शहरवासियों से अपील, निगम का करे सहयोग
नगर निगम उप महापौर एवं स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष पारस सिंघवी ने बुधवार को देहली गेट पर गणपति जी की पूजा अर्चना के पश्चात शहर वासियों से फिर अपील जारी की है। उन्होंने कहा कि पूरा शहर नगर निगम की कार्रवाई का समर्थन कर रहा है। हम एक बार फिर अपील करते हैं कि शहर में जिन्होंने स्थाई या स्थाई अतिक्रमण कर रखा है वह स्वयं अपने स्तर पर अतिक्रमण हटाकर नगर निगम का सहयोग करें अथवा नगर निगम द्वारा की जाने वाली कार्रवाई में अपना सहयोग देवे जिससे आसानी से कार्यवाही को संपूर्ण किया जा सके। सिंघवी ने कहा की नगर निगम का उद्देश्य शहर वासी या व्यापारियों को परेशान करने का नहीं है, लेकिन कुछ लोगों द्वारा किए गए स्थाई या अस्थाई अतिक्रमण के कारण हजारों पैदल चलने वाले शहर वासियों, वाहन चालकों के साथ-साथ उदयपुर शहर में आने वाले पर्यटकों को बहुत समस्या हो रही है इस कारण नगर निगम ऐसी कार्रवाई करने को मजबूर है।