उदयपुर। उदयपुर शहर के बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए उदियापोल से कलेक्टर निवास तक एलिवेटेड रोड को लेकर नगर निगम ने कवायद शुरू कर दी है। निगम महापौर गोविंद सिंह टाक ने बताया कि असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया द्वारा दिए निर्देश की पालना में शुक्रवार को निगम के मिनी मीटिंग हॉल में विधायक ताराचंद जैन, उपमहापौर पारस सिंघवी, पूर्व महापौर रजनी डांगी, सभापति रविंद्र श्रीमाली, युद्धिष्ठर कुमावत, समाजसेवी गोपाल शर्मा, निगम एससी मुकेश पुजारी, मंजीत सिंह, हितेष सुखवाल, अखिल गोयल, अनिल मेहता, सेवानिवृत अधिकारी अनिल शर्मा, मधुसूदन पांड्या, सतीश श्रीमाली सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे। शहर में एलिवेटेड रोड की आवश्यकता महसूस की जा रही है। पूरा दिन शहर में ट्रैफिक रेंगता है। शहरवासियों को बहुत समस्या का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि यह विषय वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन है लेकिन इसको लेकर नगर निगम द्वारा सकारात्मक पहल कर डीपीआर बनाने का कार्य प्रगतिरत है। वर्तमान में प्रारंभिक तौर पर तैयार प्रोजेक्ट पर शुक्रवार को गहन विचार विमर्श किया गया। जिसमे सभी अधिकारियों ने अपना अपना सुझाव दिया।
सभी दृष्टिकोण को ध्यान में रख तैयार हो डीपीआर
एलिवेटेड रोड पर उपमहापौर पारस सिंघवी ने कहा कि न्यायालय द्वारा पूर्व में एलिवेटेड रोड की ड्राइंग को देखते हुए स्टे दिया है। यदि हम इस पर हर दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए डीपीआर कार्य को संपन्न करेंगे तो हमें जरुर सफलता मिलेगी। हमें शहर के किसी भी व्यक्ति को कोई समस्या ना हो इस बाबत भी ध्यान रखना होगा जहां पर बोटल नेक बन रहे हैं या 90 डिग्री कर्व बन रहे हैं, वहां पर इस तरह से नक्शे को दर्शाना होगा, जिससे न्यायालय हमारी डीपीआर को प्रथम बार में ही पास कर एलिवेटेड रोड बनाने की अनुमति दे दे। अन्यथा हमें बार-बार न्यायालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं और जिससे निगम की साख भी घटती है।
डीपीआर में यह भी ध्यान रखना चाहिए कि शहर की जनता को किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं हो। पहले पर्यटकों की संख्या कम होती थी तब वाहनो के आवागमन में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होती थी। वर्तमान में हमारे शहर में बड़ी भारी तादाद में पर्यटक पहुंच रहे हैं जो बहुत खुशी की बात है,लेकिन हमें भी उन्हें वर्तमान स्वरूप में सुविधाएं मुहैया करानी होगी ,अतः हमें भविष्य को देखते हुए शहर के विकास की ओर अग्रसर होना है। हमें एलिवेटेड रोड हेतु अतिरिक्त राशि खर्च करनी पड़ जाए उसकी चिंता नहीं है लेकिन कार्य तकनीकी रूप से सही होना चाहिए
कर्व कम करने 12 मीटर का बनेगा रोड
शुक्रवार को आयोजित बैठक में विशेषज्ञ द्वारा तय किया गया कि प्रस्तावित एलिवेटेड रोड 12 मीटर की बनाई जाएगी जिससे वाहनों की गति एवं कर्व में कोई तकनीकी कमी नहीं रहे। महापौर गोविंद सिंह टाक ने स्पष्ट किया कि 12 मी लेन शहर की आंतरिक इलाकों में हर तरह तकनीकी रूप से उत्तम रहेगी।
सूरज पोल, देहली गेट और अश्विनी बाजार का फिर से होगा मौका निरीक्षण
शुक्रवार को संपन्न हुई बैठक में उपस्थित सदस्यो द्वारा तय किया गया कि एक बार सूरजपोल, देहली गेट एवं सिटी रेलवे स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार तक का मौका निरीक्षण किया जाएगा, साथ ही जहां पर एलिवेटेड रोड प्रारंभ एवं संपूर्ण होगी वहां की स्थिति के बारे में भी अवगत होंगे जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार को कोई कमी नहीं रहे। बैठक में अश्वनी बाजार में एलिवेटेड रोड से ट्रैफिक नीचे उतरने पर भी चर्चा की गई क्योंकि अश्वनी बाजार में पहले ही अत्यधिक मात्रा में ट्रैफिक का दबाव रहता है।
भूमि अवाप्ति को लेकर भी हुई चर्चा
नगर निगम द्वारा प्रस्तावित एलिवेटेड रोड को लेकर शुक्रवार को महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में सूरजपोल के साथ ही देहली गेट के पास भूमि अवत्ति को लेकर चर्चा की गई। सूरजपोल में जहां बोतल नेक बन रहा है वहां पर भविष्य में किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो इसको देखते हुए योजना बनाई जाएगी। यदि जनहित को लेकर कोई भूमि अवाप्त करनी होगी तो आपसी सामंजसय बनाकर उसे लिया जाएगा।
लंबाई बढ़ाने पर होगा विचार
नगर निगम महापौर गोविंद सिंह टाक ने बताया कि डेमो के दौरान सतीश श्रीमाली द्वारा सुझाव दिया कि फ्लाइओवर को सिटी रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार से भी आगे तक ले जाया जाए जिससे वाहनों और स्टेशन से बाहर आने वाले लोगों के लिए समस्या नहीं हो। शहर में आने वाले लोगों को स्टेशन से बाहर निकलते ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट आसानी से उपलब्ध हो जाए। यदि इसकी लंबाई स्टेशन के मुख्य द्वार के ठीक बाहर छोड़ी जाएगी तो यहां अन्य साधन मिलना आसान नहीं होगा और यह एक्सीडेंट जोन भी बन सकता है। ऐसे में यहां एक बार फिर मौका मुआयना करने का निर्णय लिया गया है।
जल्द तैयार होगी डीपीआर
बैठक में कार्यकारी एजेंसी ने बताया कि सभी आवश्यक कार्यवाही संपूर्ण होने के पश्चात अंतिम डीपीआर तैयार की जाएगी। हालांकि लंबाई बढ़ने से लागत भी बढ़ेगी। फाइनल डीपीआर तैयार होने के साथ ही इसे कोर्ट में स्वीकृति के लिए पेश कर दिया जाएगा।