उदयपुर, 13 नवम्बर 2022 : आगामी जी 20 सम्मेलन के लिए सज संवर रहे उदयपुर की खूबसूरती व स्वच्छता को भविष्य मे भी बनाये रखना होगा। यह प्रशासन की सतत् इच्छाशक्ति व नागरिकों की सक्रिय भागीदारी के बिना संभव नही है।यह विचार रविवार को आयोजित झील संवाद मे रखे गए।
संवाद मे झील संरक्षण समिति के डॉ अनिल मेहता ने कहा कि चौराहों, सड़कों , झीलों व बगीचों को सजाया संवारा जा रहा है। निगम व प्रन्यास यह प्रण करे कि सम्मेलन के पश्चात भी वे इसी तरह की स्वच्छता व सुंदरता बनाये रखेंगे।
झील विकास प्राधिकरण के पूर्व सदस्य तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि सम्मेलन मे आने वाले देशी विदेशी मेहमानों के स्वागत के लिए उदयपुर सज रहा है । ऐसे मे हम सभी नगर वासियो को भी नगर की स्वच्छता मे अपनी भूमिका निभानी चाहिए। हमे सार्वजनिक स्थलों पर कचरा विसर्जन की आदत को बदलना चाहिए तथा शहर को स्वच्छ रखना चाहिए।
गांधी मानव कल्याण समिति के निदेशक नंद किशोर शर्मा ने कहा कि झीलों का जल हम सभी नगर वासियो का पेयजल है। स्वच्छ झीलें ही स्वच्छ पेयजल की गारंटी है। पीने के पानी की शुद्धता को बनाए रखने मे सभी को मिलकर कार्य करना होगा।
झील प्रेमी कुशल रावल व द्रुपद सिंह ने कहा कि लेकसिटी की झीलों को मे किसी भी प्रकार का कूड़ा, प्लास्टिक व अन्य कचरा विसर्जित नही करना चाहिए। यह नागरिक जिम्मेदारी सभी को निभानी होगी।
संवाद से पूर्व पिछोला पर आयोजित श्रमदान मे झील क्षेत्र से प्लास्टिक व काँच की बोतलें , पॉलीथीन की थैलियां ,घरेलू कचरा व सड़ी गली खाद्य सामग्री निकाली गई।
श्रमदान में मोहनसिंह चौहान, राजेन्द्र सोनी, धारित्र मेहता इत्यादि ने भी सहभागिता की।