'कस्तुरी तिलकम ललाटपटले, वक्षस्थले कौस्तुभम।
नासाग्रे वरमौक्तिकम करतले, वेणु करे कंकणम॥
सर्वांगे हरिचन्दनम सुललितम, कंठे च मुक्तावलि।
गोपस्त्री परिवेश्तिथो विजयते, गोपाल चूडामणी॥'
लीला पुरुषोत्तम योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण की इस स्तुति के साथ उदयपुर के प्रताप गौरव केंद्र राष्ट्रीय तीर्थ में लालन का मेला दिनभर नंदलाल की भक्ति से सराबोर होता रहा।
इसके बाद दोपहर में नन्हें-मुन्ने नन्दलाला की रुनक-झुनक का रहा। कान्हा-यशोदा प्रतियोगिता में 100 से अधिक मां के दुलारे कान्हा का रूप धारण कर पहुंचे। कोई माखन खाता आया तो कोई बंसी बजाता आया। कोई रूठता हुआ आया तो कोई मां के आंचल में छिपता हुआ आया। उनकी अठखेलियों को देख सभी मंत्रमुग्ध हो गए।
इसके बाद 6 से 10 वर्ष तक के बच्चों की राधाकृष्ण प्रतियोगिता में भी नटखट नन्हें-मुन्नों ने सभी का मन मोह लिया।
कान्हा-यशोदा में कुल 100 प्रतिभागियों में से प्रियांशी राजपूत, मनस्विन व तन्वी खारोल क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहे। इसी प्रकार, राधा-कृष्ण प्रतियोगिता में कुल 60 प्रतिभागियों में डेनजील व्यास, अयान साहू, पुष्पराज क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहे।
प्रताप गौरव केंद्र के निदेशक अनुराग सक्सेना ने बताया कि अपराह्न बाद मटकी फोड़ प्रतियोगिता शुरू हुई। इस बार इस प्रतियोगिता में महिला वर्ग के लिए भी यह प्रतियोगिता रखी गई। प्रतियोगिता में पहुंची टीमों के खिलाड़ियों ने एक एक बार प्रयास करने के बाद संयुक्त रूप से टीम बनाई और 16 फ़ीट ऊंची मटकी फोड़ी। प्रतियोगिता में नाई से दिव्या नागदा तथा रामगिरि से साक्षी पुंडीर के नेतृत्व में टीम शामिल हुई।