उदयपुर,25 जनवरी 2022 : राजस्थान के उदयपुर के आदिवासी अंचल में कई पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने की मांग को लेकर राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा का उदयपुर कलेक्ट्रेट परिसर में चल रहा धरना प्रशासन के साथ लगभग 6 घंटे चली वार्ता के दौर और मांगे माने जाने के बाद समाप्त हो गया है।
उदयपुर कलेक्ट्रेट में जिले के आला अधिकारियों के साथ हुई बैठक में आदिवासी बच्चियों को आर्थिक सहायता एवं पक्के मकान की मुआवजे के रूप में मंजूरी दी है।
— Dr.Kirodi Lal Meena (@DrKirodilalBJP) January 24, 2022
उदयपुर संभाग में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, 1/2 pic.twitter.com/hhcAAXWHrc
इस प्रकार के और भी प्रकरण है जिन्हें जल्द प्रशासन के सामने रखूंगा।
— Dr.Kirodi Lal Meena (@DrKirodilalBJP) January 24, 2022
प्रशासन से वार्ता के बाद आज का धरना स्थगित कर रहा हूँ. साथ ही मुख्यमंत्री जी मांग है की मामलों में संज्ञान लेकर आदिवासी बच्चियों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने चाहिए।2/2
धरने के समाप्त होने के बाद किरोड़ीलाल मीणा ने ट्वीट कर कहा -उदयपुर कलेक्ट्रेट में जिले के आला अधिकारियों के साथ हुई बैठक में आदिवासी बच्चियों को आर्थिक सहायता एवं पक्के मकान की मुआवजे के रूप में मंजूरी दी है। उदयपुर संभाग में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा,इस प्रकार के और भी प्रकरण है जिन्हें जल्द प्रशासन के सामने रखूंगा। प्रशासन से वार्ता के बाद आज का धरना स्थगित कर रहा हूँ. साथ ही मुख्यमंत्री जी मांग है की मामलों में संज्ञान लेकर आदिवासी बच्चियों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने चाहिए।
इससे पहले सभी इंटेलिजेंस को चकमा देते हुए राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा सोमवार शाम करीब 4:00 बजे आदिवासी महिलाओं और बच्चों के साथ अचानक उदयपुर जिला कलेक्ट्रेट पहुंच गए और कलेक्टर ताराचंद मीणा से मुलाकात कर आदिवासी इलाके में हो रही ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मुद्दे को जोर शोर से उठाया। इसके साथ ही किरोड़ीलाल मीणा ने आदिवासी महिलाओं के साथ दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म का शिकार आदिवासी महिलाओं को न्याय दिलाने और उन्हें आर्थिक मदद देने की मांग की थी
उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो।इसके बाद स्थानीय प्रशासन से लगभग एक घण्टे की मुलाकात के बाद राज्यसभा सांसद डॉक्टर मीणा मीटिंग स्थल से बाहर आये।
मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि वे ऐसी पीड़ित आदिवासी महिलाओं को अपने साथ लाए हैं। जिनके साथ कम उम्र में दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म हुआ लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला। डॉ मीणा ने प्रशासन से थानागाजी की तर्ज पर पीड़ित महिलाओं को आर्थिक मदद, आवास और सरकारी नौकरी देने की मांग की और फिर दोबारा आकर धरने पर बैठ गए।
इस पर कलक्टर ने तुरंत ही संज्ञान लेते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों को बुलाया और मीणा की मांगों पर उनसे बात की। इसके बाद किरोड़ीलाल मीणा को फिर से मनाने के लिए कलक्टर के चैम्बर में अधिकारियों के साथ फिर से वार्ता का नया दौर शुरू हुआ। इसके साथ ही पीड़ित महिलाओं के साथ प्रशासनिक अधिकारियों ने बात की। तकरीबन 1 घंटे तक चली वार्ता के बाद भी नतीजा न मिलते देख मीणा फिर से कलेक्टर के चैम्बर से बाहर आकर फिर से धरने पर बैठ गए।
इसके बाद मान मनोव्वल के बाद फिर से लगभग 9:00 बजे कलक्टर के चेंबर में बातचीत का नया दौर शुरू हुआ जिसमें कलेक्टर ताराचंद मीणा, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार, सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारी मांधाता सिंह के साथ कई विभागों के अधिकारी वार्ता में मौजूद थे। इसके बाद लगभग आधे घंटे तक चली वार्ता के बाद उदयपुर प्रशासन डॉक्टर मीणा को मनाने में सफल हो गया और उन्होंने धरना समाप्त करने की घोषणा कर दी।
डॉ किरोड़ी लाला मीणा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उदयपुर प्रशासन ने उनकी मांगों को बेहद गंभीरता के साथ लिया है। साथ ही वे जिन आठ पीड़ित महिलाओं को लेकर यहां आए हैं ,उनमें से 4 महिलाओं को 5 लाख की आर्थिक सहायता और एक पक्का मकान देने पर उदयपुर प्रशासन ने सहमति दी है। चूँकि ये महिलाएं अशिक्षित हैं इसलिए उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती है और अन्य चार महिलाओं के साथ हुए अत्याचार को लेकर कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है। ऐसे में प्रशासन मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई करेगा।