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Udaipur / कोटड़ा में बांधो के निर्माण के विरोध में आदिवासी, पानी जोधपुर जाएगा और जमीनें हमारी-स्थानीय नेता

clean-udaipur कोटड़ा में बांधो के निर्माण के विरोध में आदिवासी, पानी जोधपुर जाएगा और जमीनें हमारी-स्थानीय नेता
देवाराम सेन September 10, 2022 05:54 PM IST

कोटड़ा : कोटड़ा के धधमता के चक सांडमारिया क्षेत्र के जनजाति समाज का बांधो के निर्माण के विरोध को लेकर उपखण्ड मुख्यालय पर तहसीलदार मंगला राम मीणा को मुख्य मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। बड़ी संख्या में विस्थापित होने के डर से किसानों में भारी आक्रोश है और ग्रामीण 20 सितंबर से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेंगे ।

तहसीलदार मंगलाराम मीणा को ज्ञापन देकर अवगत करवाया की अनेकों बार ज्ञापन देने के बाद भी सरकार द्वारा  प्रस्तावित बांध निर्माण को निरस्त नही किया गया है जिस पर नाराजगी जताई।

ग्रामीणों में आक्रोश है कि सांडमारिया में बांध बनने से तीन ग्राम पंचायत प्रभावित हो रही है और बूझा में भी बांध बनाने से तीन ग्राम पंचायतें प्रभावित हो रही हैं । इन लोगों के भविष्य को ध्यान में नहीं रखकर राज्य सरकार लोगों को विस्थापित करने जा रही है और इन बाधों का पानी जोधपुर संभाग में मुख्यमंत्री के क्षैत्र में ले जाना प्रस्तावित है उसका पानी भी यहां के लोगों को नहीं मिलेगा। इस तरह आदिवासी जनता से जल और जमीन दोनों छिनने का कुंठित प्रयास राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है जिसको हम साकार नहीं होने देंगे। 

कोटडा के बूझा व चकसांडमारिया में बाँध निर्माण कार्य की घोषणा क्रमशः 1800 करोड व 1200 करोड की हुई है। जिसमें दोनों बाँधो से कोटडा के कई गांव डूब क्षैत्र में आ रहे हैं जिससे आदिवासी किसान जिनके पास दो या तीन बीघा खेती लायक जमीन है वो भी उसके हाथ से निकल जाएगी। गरीब आदिवासी की जिंदगी बद से बदतर हो जाएगी और वो दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो जाएगे और गरीब आदिवासी के खेत ,खलियान, घर सारी चीज़ें अपनी आंखों से बर्बाद होते हुए खुद को देखना पड़ेगा और यह सब यहाँ का आदिवासी देख नहीं सकता है। यहाँ के आदिवासी समाज ने आज प्रण लिया है कि हम अपनी जमीन जायदाद के लिए मर मिट जाएंगे, प्राण दे देंगे पर बाँध नही बनने देंगे। जल जंगल जमीन पर हमेशा से आदिवासी का हक रहा है और रहेगा। 

अनुसूचित क्षेत्र में बिना वहाँ के लोगों की सहमति से न तो कोई काम कर सकते हैं और न ही उनकी संपत्ति को खुर्द बुर्द कर सकते हैं। सरकार ने यह सब कार्य बदले की भावना से किया गया है जिसका आदिवासी समाज पूरजोर विरोध करता है और काम निरस्त नहीं किया गया तो इसके भयंकर दुष्परिणाम आ सकते हैं, ऐसी आशंका है। 

इस अवसर प्रधान सुगना देवी ,पूर्व उप प्रधान जमनालाल, बाखेल सरपंच देवीलाल ,झेड अलीचंद , कुकावास सरपंच विशनाराम , कोदरमाल सरपंच अलखू देवी , निर्मल कुमार,धधमता सरपंच  पंचायत समिति सदस्य होमाराम, जिला परिषद् सदस्य मोदी देवी, राजू बूबरिया,हीरालाल , देवीलाल और बड़ी संख्या में किसान व सामाजिक कार्यकर्ता सहित कई लोग मौजूद रहे।

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