उदयपुर, 21 फरवरी। कलक्टर ताराचंद मीणा ने सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में आमजन से जुड़े विभिन्न विभागों की साप्ताहिक समीक्षा बैठक ली। बैठक में कलक्टर ताराचंद मीणा ने सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं, फ्लैगशिप योजनाओं और बजट घोषणाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाने पर जोर दिया। कलक्टर ने 31 मार्च से पहले विभागीय लक्ष्य और बजट घोषणाओं को पूर्ण करने के निर्देश दिए।
पानी-बिजली और अन्य मूलभूत सुविधाओं के साथ ही कलक्टर ने खेल गांव में बन रहे क्रिकेट स्टेडियम, शहर की सड़कों की मरम्मत, पर्यटन स्थलों के सौंदर्यीकरण सहित अंतरविभागीय मुद्दों पर चर्चा कर आवश्यक निर्देश प्रदान किए। कलक्टर ने कहा कि साप्ताहिक समीक्षा बैठक का लक्ष्य विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाना है। इसके अतिरिक्त यदि विभागों में आपस में संबंधित कोई इश्यू हो तो उसका भी समाधान करना है।
जिले में वाटर बॉडीज का होगा सर्वे
बैठक में कलक्टर ताराचंद मीणा ने जिले में भूजल स्तर के लिहाज से नए एनीकट, छोटे बांध और अन्य वाटर बॉडीज बनाने के लिए जल संसाधन विभाग को जिले में सर्वे कर रिपोर्ट पेश करने को कहा। इसके साथ ही कलक्टर ने जल जीवन मिशन की प्रगति जानते हुए राजकीय विद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर प्राथमिकता से नल कनेक्शन करने के निर्देश दिए। कलक्टर ने खैरवाड़ा शहर में पेयजल आपूर्ति बाधित होने की शिकायत पर पीएचईडी एसई को आवश्यक निर्देश दिए। कलक्टर ने देवास थर्ड फेज को लेकर भी चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए।
शहर की सड़कों की स्थिति सुधारो
कलक्टर ने शहर में सड़कों की स्थिति पर असंतोष जताते हुए कहा कि उदयपुर पर्यटन का केंद्र है और यहां की सड़कों की गुणवत्ता भी उच्च होनी चाहिए। कलक्टर ने पीडब्ल्यूडी को शहर में सर्किट हाउस से लेकर रेलवे स्टेशन तक की सड़क की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि इस मार्ग पर सड़कों की स्थिति ठीक नहीं है, इसे ठीक करो। सड़क चाहे नगर निगम की हो, यूआईटी की या पीडब्ल्यूडी की इसी प्रकार शहर की अन्य सड़कों की भी गुणवत्ता में सुधार करो। सड़कों पर समुचित लाइनिंग और संकेतक लगे होने चाहिए। संकेतक क्षतिग्रस्त नहीं होने चाहिए। कलक्टर ने प्रस्तावित सड़कों के निर्माण कार्यों की प्रगति भी जानी। इसी क्रम में कलक्टर ने ऋषभदेव में मेले को देखते हुए सड़क निर्माण कार्य भी शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।
मिशन कोटड़ा पर भी हुई चर्चा
कलक्टर ताराचंद मीणा ने जनजाति बहुल क्षेत्र कोटड़ा की काया बदलने के लिए मिशन कोटड़ा शुरू किया है। पदभार ग्रहण करने के बाद कलक्टर ताराचंद मीणा तीन बार कोटड़ा का दौरा कर चुके हैं और विभागीय बैठकों में भी कोटड़ा में विकास कार्यों, फ्लैगशिप योजनाओं और अन्य बुनियादी सुविधाओं को लेकर कलक्टर हमेशा गंभीर नजर आते हैं। साप्ताहिक समीक्षा बैठक में भी कलक्टर ने कोटड़ा से जुड़े विकास कार्यों की प्रगति जानी और अधिकारियों को जनजाति बहुल इलाके में पूरी संवेदनशीलता और समर्पण के साथ योजनाओं का लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए।
इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की प्रगति जानी
महाराणा भूपाल स्टेडियम, लव-कुश इनडोर स्टेडियम और खेल गांव में निर्माणाधीन इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में संसाधनों की उपलब्धता और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर भी कलक्टर ताराचंद मीणा ने यूआईटी सचिव अरूण कुमार हसीजा और जिला खेल अधिकारी शकील हुसैन से जानकारी ली। खेलगांव में इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में बुनियादी सुविधाओं सहित आधुनिक स्पोर्ट्स सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। कलक्टर ने जिले के हर ब्लॉक में एक खेल मैदान बनाने की बजट घोषणा की प्रगति को लेकर भी जानकारी ली।
नियमित आय से बदल सकती है आदिवासी अंचल की तस्वीर
प्रशासन गांवों के संग अभियान में प्रत्येक पंचायत पर एक डेयरी स्थापित करने के अभियान की जानकारी ली। जिले में पंचायत वार डेयरियों की संख्या की जानकारी लेते हुए कलक्टर ने डेयरी विभाग के अधिकारियों को नई डेयरी स्थापित करने की संभावना तलाशने के निर्देश दिए। इसके साथ ही कलक्टर ने बकरी के दूध का संकलन बढ़ाने और नए सिरे से ब्रांडिंग और मार्केटिंग करने के निर्देश दिए। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बकरी का दूध 150-200 रूपये में बिक रहा है। आदिवासी अंचल में बकरियों को बहुतायत में पाला जाता है। यदि इन परिवारों को जोड़ा जाए तो इन परिवारों को नियमित आय का जरिया तो मिलेगा ही इससे आदिवासी अंचल में रोजगार का नया अवसर भी मिलेगा। कलक्टर ने बकरी के दूध के पाउडर प्लॉट निर्माण पर भी चर्चा की।
ये भी निर्देश
कलक्टर ने आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को अतिरिक्त पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाने के साथ ही प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र पर दिव्यांग बच्चों का पंजीकरण और एनीमिया की जांच करवाने के निर्देश देते हुए कहा कि दिव्यांग बच्चों की जानकारी समाज कल्याण विभाग को दें, ताकि राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके। कलक्टर ने चिकित्सा विभाग से समन्वय स्थापित कर सिलिकोसिस प्रमाण पत्र जारी करवाने, खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पंजीकृत लाभार्थियों को समय पर राशन देने, झीलों के किनारे प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई करने, बीस सूत्री कार्यक्रम के तहत जिले में वृक्षारोपण का लक्ष्य पूर्ण करने, ऐतिहासिक धरोहरों की सार-संभाल में लापरवाही न बरतने के भी निर्देश दिए।