उदयपुर, 26 दिसंबर : झील प्रेमियों ने एक बार फिर पहाड़ियों की कटाई पर चिंता व्यक्त की है।
रविवार की हुए संवाद मे झील संरक्षण समिति के डॉ अनिल मेहता ने कहा कि पहाड़ियों की पहाड़ियों का कटना नही रूका तो उदयपुर शीघ्र ही मरुस्थल मे बदल जायेगा।
पहाड़ियाँ नही रही तो झील, तालाब, नालें - नदियाँ सूख जायेंगे।
झील सुरक्षा व विकास समिति के सदस्य तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि पहाड़ियों के कारण ही उदयपुर का मौसम नियंत्रित रहता है। इनके अभाव मे गर्मी बढ़ेगी । पहाड़ियों के अभाव मे उदयपुर का भविष्य सुरक्षित व समृद्ध नही हो सकता।
गांधी मानव कल्याण सोसाइटी के निदेशक नंद किशोर शर्मा ने कहा कि पहाड़ियाँ उदयपुर के गौरवशाली इतिहास की भी साक्षी है। इन्हे काटना उदयपुर को अपने अतीत से काटना है।
पर्यावरण विद कुशल रावल ने कहा कि पहाड़ियों की कटाई जैव विविधता का नाश कर रही है। यह विनाशकारी साबित होगा।
संवाद से पूर्व पिछोला के सत्तापोल से अमरकुण्ड तक हुए श्रमदान में झील प्रेमियों ने झील की सतह पर तैरती भारी मात्रा में पॉलीथिन की थैलिया,पाउच, शराब,पानी की बोतलें, नारियल व खरपतवार को हटाया।
श्रमदान में मोहन सिंह चौहान, द्रुपद सिंह, दिगम्बर सिंह सहित स्थानीय निवासियों ने भाग लिया।