उदयपुर: ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के तहत स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की शनिवार को यहां जिला परिषद सभागार में संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट की अध्यक्षता में आयोजित कार्यशाला में प्रथम चरण में जिले की 20 ग्राम पंचायतों को स्वच्छता में मॉडल बनाने का निर्णय किया गया।
बैठक में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के संयोजक के के गुप्ता ने जिले को स्वच्छता में अव्वल बनाने के लिए कार्ययोजना प्रस्तुत करते हुए कहा कि जिला प्रशासन के माध्यम से 20 ग्राम पंचायतों का चयन किया जाएगा, जिन्हें स्वच्छता में मॉडल के रूप में तैयार किया जा सके। इसके लिए कई तरह के प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने डूंगरपुर में स्वच्छता, जल संचय, शिक्षा, बालिका शिक्षा, महिला सशक्तिकरण आदि पर किए कार्य बताते हुए कहा कि स्वच्छता के बिना शेष उपलब्धियों का कोई मतलब नहीं है। अगर इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। डूंगरपुर इसका जीवंत उदाहरण है। वहां जनता में स्वच्छता के प्रति एक माहौल तैयार किया।
संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट ने कहा कि स्वच्छता में उदयपुर का प्रदर्शन निराशाजनक है, इसे सुधारना सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने सवाल किया कि जब डूंगरपुर स्वच्छता में अभूतपूर्व काम हो सकता है तो उदयपुर में क्यों नहीं? पर्यटन में जब उदयपुर अव्वल है तो इसे स्वच्छता में भी सिरमौर बनाना है।
जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल ने सभी अधिकारियों को स्वच्छता के लिए इच्छाशक्ति से कार्य करने की नसीहत दी । प्रारंभ में जिला परिषद सीईओ कीर्ति राठौड़ ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत उदयपुर जिले में अब तक हुए कायों का प्रेजेंटेशन दिया। बैठक में गिर्वा एसडीएम रिया डाबी सहित अन्य एसडीएम, जिला परिषद के अधिकारी, सभी पंचायत समितियों के विकास अधिकारी, सहायक अभियंता, ब्लॉक कॉर्डिनेटर आदि मौजूद थे।
पेराफेरी से 3 दिन में हटाएं कचरा
बैठक में संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट ने कहा कि यूडीए क्षेत्र में सफाई के लिए यूडीए अपने स्तर पर टेंडर करेगा। तब तक पेराफेरी की पंचायतें कचरा एकत्र करवाकर फिकवाने की व्यवस्था करावें। संभागीय आयुक्त एवं जिला कलक्टर ने सभी संबंधित विकास अधिकारियों को 3 दिन के अंदर पेराफेरी क्षेत्र में स्थित कॉलोनी में फैले कचरे को साफ कराने की सख्ती हिदायत दी।
सोर्स: दैनिक नवज्योति