उदयपुर, 01 फरवरी। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने गुरूवार शाम प्रदेश के सभी प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों तथा विभागीय अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से समीक्षा बैठक ली। इसमें जनसुनवाई, राजस्व प्रकरण निस्तारण, बिजली सप्लाई, जल जीवन मिशन, विभागीय कामकाज की दैनिक व साप्ताहिक समीक्षा, विकसित भारत संकल्प अभियान, कानून व्यवस्था आदि बिन्दुओं पर विस्तृत समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। उदयपुर से संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट, आईजी अजयपाल लांबा, जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल, पुलिस अधीक्षक भुवनभूषण यादव, सीईओ जिला परिषद कीर्ति राठौड़, एडीएम सिटी राजीव द्विवेदी सहित सभी विभागीय अधिकारी सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के वीसी हॉल में मौजूद रहकर बैठक में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सरकार बदली है तो आमजन को यह बदलाव महसूस होना चाहिए। हर अधिकारी के कक्ष के बाहर जनसुनवाई का समय अंकित किया जाए तथा उसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी हो। जिस स्तर की समस्या है उसका उसी स्तर पर निस्तारण होना चाहिए। उच्च स्तर पर समस्या आने पर उसके निस्तारण के साथ ही निचले स्तर पर निस्तारित नहीं किए जाने के कारणों का पता लगाकर जिम्मेदारी भी तय की जाए। उन्होंने जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, एडीएम, एसडीएम स्तर पर प्रतिदिन जनसुनवाई किए जाने तथा उसकी दैनिक रिपोर्ट सीएमओ को भिजवाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने राज्यहित के राजस्व प्रकरणों के निस्तारण में पूरी मुस्तैदी दिखाने, जल जीवन मिशन के बकाया कामों को तेजी से पूर्ण कराकर हर घर नल और हर नल जल की मंशा को पूरा करने, चिकित्सा संस्थानों, स्कूल, श्री अन्नपूर्णा रसोई आदि के औचक निरीक्षण सहित अन्य बिन्दुओं पर जिले वार फीडबैक लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्य सचिव सुधांशु पंत ने मुख्यमंत्री के आदेशों के अनुरूप सभी अधिकारियों को पूर्ण जिम्मेदारी से कार्य करने के लिए निर्देशित किया।
संभागीय आयुक्त, आईजी व कलक्टर ने दिए निर्देश
वीसी के बाद संभागीय आयुक्त भट्ट, आईजी लांबा और जिला कलक्टर पोसवाल ने सभी अधिकारियों को सरकार के निर्देशों की अक्षरशः पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी विभागीय अधिकारी अपने कार्यालय में काम का सिस्टम डवलप करें। दैनिक कार्य की समीक्षा हो। जिला स्तर पर प्रत्येक विभाग की साप्ताहिक अथवा पाक्षिक समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कार्यालय में आने वाले परिवादियों की सुनवाई करते हुए उन्हें त्वरित राहत उपलब्ध कराने के लिए पाबंद किया।