पिछले वर्ष सुर्खियों में रहा उदयपुर का बहुचर्चित 272 प्लॉट घोटाले प्रकरण का जिन्न एक बार फिर जोरदार तरीके से अट्टहास करता बाहर निकल आया है। उदयपुर के थिंक टैंक कहे जाने वाले विख्यात और चर्चित व्हाट्सएप ग्रुप " उदयपुर चौपाल " पर पार्षद संजय भगतानी ने इस घोटाले से जुड़ी 2 सूचियां जारी कर आतिशी अंदाज में प्लॉट घोटाले से जुड़े लाभार्थियों, भ्रष्ट अधिकारियों और ब्लैक मेलर्स को चेतावनी देकर सबकी नींद उड़ा दी।
28 सितंबर की रात पार्षद संजय भगतानी द्वारा जिस अंदाज में 272 प्लॉट घोटालों से जुड़ी सूची जारी की गई ( हालांकि उदयपुर चौपाल इस सूची की पुष्टि नहीं करता है ।) उससे शहर में एक बार फिर करोड़ों के घोटाले की चर्चा को गली मोहल्लों तक पहुँचा दिया है। ये पहली बार है जब उदयपुर चौपाल के मंच के जरिये सूची बाहर आई है, इससे पहले आरोप लगाने वाले किसी भी व्यक्ति द्वारा इस सूची को सार्वजनिक नही किया गया है । SOG की जाँच में क्या हुआ ? ये भी अब तक किसी को पता नही लग पाया है । ऐसे में इस सूची ने उदयपुर चौपाल के जरिये शहर में धमाके कर दिए है और अब शहर के प्रतापनगर और सेन्ट्रल एरिया की 2 सूचियों में लोग विवादास्पद प्लॉट्स को ढूंढने में लग गए है।
अब देखना यह होगा कि जिस घोटाले को दबाने की पुरजोर कोशिशें की गई , अब उस घोटाले से जुड़ी सूचियों के बाहर आने पर उदयपुर के जनप्रतिनिधियों के रुख क्या रहेगा ?
क्या है कथित 272 प्लॉट प्रकरण घोटाला
उदयपुर यूआईटी ने 2004 में निगम को 30 कॉलोनी सौंपी थी। इनमें 272 प्लॉट भी थे। निगम को ये भूखंड दिए जाने के बाद उन पर कब्जे हो गए। इसके बाद निगम ने कुछ प्लॉट्स की लीज निरस्त की तो कुछ पर अपने कब्जे के बोर्ड लगा दिए। इसके बाद निगम ने कमेटी बनाकर जांच का फैसला लिया। जांच में सामने आया कि 88 प्लॉट की जानकारी ही निगम को नहीं है।
नगर निगम के 272 प्लॉट खुर्द-बुर्द कर करोड़ों के घोटालों की जांच राजस्थान पुलिस की एसओजी टीम कर रही है। इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आदेश के बाद जांच एसओजी को सौंपी गई थी । जयपुर एसओजी मुख्यालय में पोस्टेड एडिशनल एसपी ने मामले की जांच शुरू की थीं लेकिन उस की प्रगति ठंडे बस्ते में कैद होती दिखाई दी और एक साल बीत जाने के बाद भी SOG के हाथ अभी तक खाली ही दिखाई दे रहे थे।
क्या कहना है उपमहापौर पारस सिंघवी का ?
उदयपुर नगर निगम उपमहापौर पारस सिंघवी ने पार्षद संजय भक्तानी द्वारा जारी की गई 272 प्लॉट प्रकरण की लिस्ट के बारे में कहा है कि उक्त लिस्ट पुरानी है और उदयपुर नगर निगम के अधिकारी इस लिस्ट की जांच पहले ही कर चुके हैं । लिस्ट में कुछ प्लॉट के कागजों में गड़बड़ पाई गई थी, जिसकी जांच की जा रही है। यदि किसी भी तरह के घोटाले की पुष्टि की जाती है तो नगर निगम वैधानिक कार्रवाई करते हुए उक्त प्लॉट को अपने कब्जे में लेने के लिए कानूनी कार्रवाई करेगा।
क्या है उदयपुर चौपाल ग्रुप
आपकों बताते चले कि उदयपुर का सर्वाधिक चर्चित व्हाट्सएप ग्रुप " उदयपुर चौपाल " शहर के कई प्रतिष्ठित और गणमान्य सदस्यों का ग्रुप है जिसमे उदयपुर के मीडिया , राजनीतिक पार्टियों , विभिन्न सरकारी विभागों,पार्षद, डॉक्टर्स, प्रोफ़ेसर, एक्टिविस्ट, लेखक, इतिहासकार और पुलिस विभाग से जुड़े लोगों के साथ ही शहर के प्रतिष्ठित अधिवक्ता भी है।
ग्रुप की खासियत है कि शहर और देश के सभी महत्वपूर्ण विषयों पर इसमें चर्चा होती है और समाधान की दिशा में सकारात्मक प्रयास किये जाते है।
कैसे जुड़े उदयपुर चौपाल के व्हाट्सएप चैनल से
उदयपुर चौपाल व्हाट्सएप ग्रुप का अपना एक व्हाट्सएप चैनल भी है, जिसके माध्यम से उदयपुर की आम जनता चैनल से जुड़ कर उदयपुर/देश/समाज से जुड़ी खबरों को जान सकती है । उदयपुर चौपाल व्हाट्सएप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर उदयपुर चौपाल चैनल से जुड़ा जा सकता है।
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Note : न्यूज़ एजेंसी इंडिया 272 प्लॉट प्रकरण में जारी की गई लिस्ट की पुष्टि नहीं करता है।