सांसदों के निलंबन के हंगामे के बीच बुधवार को लोकसभा में एक बेहद ही महत्वपूर्व बिल पास किया गया। लोकसभा में देश में 138 साल पुराने टेलीग्राफ अधिनियम को निरस्त कर नया कानून बनाने के लिए लाए गए दूरसंचार विधेयक, 2023 को मंजूरी प्रदान कर दी, जिसमें प्रशासनिक तरीके से उपग्रह संचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटन का प्रस्ताव है।
अब राज्यसभा में भेजा गया बिल
लोकसभा में पास होने के बाद अब इसे राज्यसभा में भेजा गया है। राज्यसभा में पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। अगर वह इस बिल पर हस्ताक्षर कर देते हैं और देश में टेलीकम्युनिकेशन को लेकर कई बड़े बदलाव आ जायेंगे। इस बिल में प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति फर्जी सिम खरीदता है तो उसे 3 साल की जेल और 50 लाख रुपए तक का जुर्माना लग सकता है। इसके साथ ही इस बिल में कंपनियों को कहा गया है कि वह अपने ग्राहकों को सिम देने से पहले उनकी अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक पहचान करेंगे।
इस बिल में, ओवर-द-टॉप सर्विसेज (OTT प्लेटफॉर्म) जैसे ई-कॉमर्स, ऑनलाइन मैसेजिंग को टेलीकॉम सर्विसेज की परिभाषा से बाहर रखा गया है। पिछले साल जब टेलीकम्युनिकेशन बिल का ड्राफ्ट पेश किया गया था तो उसमें ओटीटी सर्विसेज भी दायरे में थी, जिसे लेकर खूब हंगामा हुआ था। बाद में सरकार ने इसे बिल से हटा दिया है।
नए टेलीकॉम बिल में यह भी प्रावधान किया गया है कि कंज्यूमर्स को गुड्स, सर्विसेज के लिए विज्ञापन और प्रमोशनल मैसेज भेजने से पहले उनकी सहमति लेनी होगी। टेलीकॉम सर्विसेज देने वाली कंपनी को एक ऑनलाइन मैकेनिज्म बनाना होगा, जिससे यूजर्स अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करा सके।