डिजिटल वॉलेट कंपनी मोबिक्विक ने 48 घंटे में गंवाए करीब 40 करोड़ रुपए !
मोबिक्विक ने 48 घंटे में करीब 40 करोड़ रुपए की बड़ी साइबर धोखाधड़ी का सामना किया, जिसमें कंपनी की तकनीकी खामी का फायदा उठाकर हजारों ट्रांजेक्शन में भारी नुकसान हुआ।
कैसे हुआ पूरा घोटाला
11 और 12 सितंबर 2025 को मोबिक्विक के सिस्टम में तकनीकी फॉल्ट आ गया. इस फॉल्ट के कारण यूजर्स अपने वॉलेट में मौजूद राशि से ज्यादा पैसे ट्रांसफर कर सकते थे और गलत पिन डालने पर भी ट्रांजेक्शन हो जाते थे। इसी कमज़ोरी का स्कैमर्स ने फायदा उठाया और दो दिन में करीब 5 लाख संदिग्ध ट्रांजेक्शन के जरिए 40 करोड़ रुपए अलग-अलग बैंक खातों में भेज दिए।
कैसे सामने आया मामला
13 सितंबर को मोबिक्विक के कर्मचारी ने ऑडिट के दौरान ये धोखाधड़ी पकड़ी। जांच में पता चला कि करीब 2,500 बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं. पुलिस ने तुरंत कार्रवाई कर करीब 8 करोड़ रुपए वाले खातों को फ्रीज कर दिया और अब तक 14 करोड़ रुपए रिकवर कर लिए गये हैं, लेकिन कंपनी को नेट 26 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
कौन-कौन गिरफ्तार हुआ
इस मामले में हरियाणा के नूंह और पलवल इलाके से छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है: रेहान, वकार यूनुस, वसीम अकरम, मोहम्मद आमिर, मोहम्मद अंसार और मोहम्मद साकिल। इनके खातों में 9 लाख रुपए बरामद हुए हैं।
आगे क्या होगा?
पुलिस और मोबिक्विक मिलकर बाकी नुकसान की भरपाई करने में लगी हैं। शक है कि इस घोटाले में कंपनी के अंदरूनी कर्मचारी की मिलीभगत भी हो सकती है, जिसकी जांच जारी है। हरियाणा पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि अगर उनके खाते में 11-12 सितंबर को बेवजह पैसे आए हैं तो वे जल्द पुलिस को सूचित करें।
पहले भी हो चुके है ऐसे फ्रॉड
ऐसा घोटाला मोबिक्विक के साथ दूसरी बार हुआ है — अक्टूबर 2017 में भी कंपनी को 19 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।