भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी समेत क्रिप्टो एसेट और उनके ऊपर काम कर रही कंपनियों समेत कई विदेशी क्रिप्टो कंपनियों को मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत नोटिस भेजे गए हैं। देश में उन कंपनियों के परिचालन को गैरकानूनी बताते हुए एक्सेस ब्लॉक करने की भी सिफारिश की गई है।
किन कंपनियों के ऊपर हुआ एक्शन
वित्त मंत्रालय के गुरुवार के अपडेट के अनुसार, जिन कंपनियों को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानूनों के तहत कारण बताओ नोटिस भेजे गए हैं, उनमें बाइनेंस, कुकॉइन, हुओबी, क्राकेन, गेट डॉट आईओ, बिटरेक्स, बिटस्टैम्प, एमईएक्ससी ग्लोबल और बिटफाइनेक्स शामिल हैं। सभी नौ विदेशी क्रिप्टो कंपनियों को भारत की फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट की ओर से शो-कॉज नोटिस भेजे गए हैं।
फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट का कहना है कि जिन विदेशी क्रिप्टो कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, वे सभी भारत में गैरकानूनी तरीके से परिचालन कर रही हैं। यूनिट ने संबंधित कंपनियों की वेबसाइट को भारत में ब्लॉक करने की सिफारिश इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से की है। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा- एफआईयू आईएनडी के डाइरेक्टर ने भारत में पीएमएलए एक्ट के प्रावधानों का पालन किए बिना गैरकानूनी तरीके से काम कर रहे निकायों के यूआरएल को ब्लॉक करने की सिफारिश इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से की है।
मंत्रालय ने यह भी साफ किया कि संबंधित 9 विदेशी क्रिप्टो कंपनियों के ऊपर जिस कार्रवाई की सिफारिश की गई है, वह भारत में भौतिक उपस्थिति को लेकर नहीं है, बल्कि गतिविधियों से संबंधित है।