CM अशोक गहलोत ने रात 2:28 बजे क्यों टाला कोटा का दौरा? देर रात तक अफसर क्यों खंगालते रहे फाइलें? चंबल रिवर फ्रंट को लेकर विवाद की आशंका !
राजस्थान के कोटा में विश्व का पहला हेरिटेज चंबल रिवर फ्रंट का लोकार्पण किया गया। इस 1400 करोड रुपए के चंबल रिवर फ्रंट के लोकर्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को शामिल होना था, लेकिन ऐन वक्त पर उनका यह दौरा रद्द हो गया। सूत्रों के अनुसार सोमवार 12 बजे तक सब कुछ सामान्य था। सीएम गहलोत के कोटा जाने को लेकर सभी व्यवस्थाएं की जा रही थीं।सीएम के अलावा सभी मंत्रियों और 123 विधायकों को कोटा पहुंचने के निमंत्रण भेजे जा चुके थे। मंत्री भी सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) से जानकारी जुटाने में लगे हुए थे कि मुख्यमंत्री के कोटा पहुंचने का एक्जेक्ट क्या कार्यक्रम है। जिससे उनके पहुंचने से पहले या लगभग उनके साथ वे कोटा पहुंच जाएं।
इसके बाद बताया जा रहा है कि 13 सितंबर को कोटा में ही प्रस्तावित कैबिनेट बैठक को भी स्थगित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कोटा ना आने को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आधी रात को 2:28 AM पर ट्वीट करते हुए कहा कि हमारे वरिष्ठ साथी यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कोटा रिवर फ्रंट के रूप में हाडोती को एक ऐतिहासिक सौगात दी है। हाडोती क्षेत्र पर्यटन के क्षेत्र में पिछड़ रहा है लेकिन के रिवर फ्रंट यहां पर्यटन को बढ़ाने के लिए मील का पत्थर साबित होगा और कोटा के विकास की नई इबादत लिखेगा। पिछले कार्यकाल में धारीवाल ने कोटा को सेवन वंडर्स की सौगात दी थी, जिस पर अब यहां फिल्मों की शूटिंग होती है। 12 और 13 सितंबर को कोटा के लोकार्पण मेरे द्वारा प्रस्तावित था जिसका मैं बेसब्री से इंतजार कर रहा था, लेकिन किसी कारणवश में 12 सितंबर के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाऊंगा। हालांकि मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा था कि वह 13 सितंबर के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। लेकिन अब खबरें हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 13 सितंबर को भी कोटा नहीं पहुंचेंगे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस कार्यक्रम के रद्द होने के पीछे कई तरह के प्रयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि अभी तक आधिकारिक रूप से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कोटा ना आने को लेकर किसी वजह की पुष्टि नहीं हो पाई है। गौरतलब है कि कोटा रिवर फ्रंट के लोकार्पण कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वैभव गहलोत समेत कई विधायक और बोर्ड के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष मौजूद रहे। इस दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा हैं।
वहीं भाजपा नेता और पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने आरोप लगाया था कि चंबल घड़ियाल सेंचुरी के इकोसिस्टम जोन में इस रिवर फ्रंट का निर्माण किया गया है। इसे प्रहलाद गुंजल ने ने गैरकानूनी बताते हुए मुख्यमंत्री गहलोत को इसका लोकार्पण नहीं करने की बात कही थी। साथ ही इसे असंवैधानिक बताया था। गुंजन ने कहा था कि केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने 1 जुलाई 2023 को इसके निर्माण पर आपत्ति भी जताई है।गुंजल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि घड़ियाल सेंचुरी को देखते हुए इस रिवर फ्रंट का निर्माण सुप्रीम कोर्ट-हाईकोर्ट के आदेश, एनजीटी के दिशानिर्देशों की अवहेलना करते हुए हुआ है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई सुप्रीम कोर्ट चला गया तो इसके निर्माण को ध्वस्त होने की नौबत आ सकती है।
मुख्यमंत्री गहलोत के कार्यक्रम से ठीक एक दिन पहले हुए इस विवाद को देखते हुए आला सरकारी मशीनरी हरकत में आ गई।
रिवर फ्रंट को लेकर वाइल्ड लाइफ एक्ट सहित तमाम मामलों को लेकर मिली स्वीकृतियों और लंबित स्वीकृतियों को लेकर बैठकों के दौर शुरू हो गए। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग के आधार पर तथ्य तलाशे गए। दोपहर बाद मुख्य सचिव ऊषा शर्मा और प्रधान सचिव कुलदीप रांका के साथ बैठकों में विस्तृत चर्चा के दौर चलने शुरू हो गए। इनमें नगरीय विकास विभाग, वन विभाग और विधि विभाग के अधिकारी शामिल हुए। बैठकों का दौर सोमवार देर रात तक चला। सीएम गहलोत भी बैठकों की ब्रीफिंग पहुंच ले रहे थे।
रिवर फ्रंट को लेकर गलती की आशंका
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बारीकी से एक-एक कागज देखे जा रहे थे। एनजीटी, सेंचुरी को लेकर नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ की स्टैंडिंग कमेटी की गाइडलाइन, सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के डिसीजन और इको सेंसिटिव जोन आदि को लेकर हर लाइन पर चर्चा हो रही थी।
पता किया जा रहा था कि किन-किन निर्माण कार्यों की अनुमति मिल गई थी और किसकी लंबित या प्रक्रिया में चल रही हैं।
आला अधिकारियों के बीच आधी रात तक चले बैठकों के दौर के बाद आखिरकार कुछ मामलों में चूक की आशंका नजर आई। आधी रात को तय हुआ कि सीएम गहलोत का जाना उचित नहीं है क्योंकि कोई विवाद खड़ा हो सकता है। चुनाव सामने है और कोई विपक्ष इसको मुद्दा बना सकता है।
इसके बाद सीएम गहलोत ने कोटा का दौरा टाल दिया। हालांकि अब भी कागज पूर्ति के लिए लीगल डिपार्टमेंट और वन विभाग की फाइलों को खंगाला जा रहा है। नगरीय विकास विभाग के संबंधित अधिकारियों से भी जवाब तलब चल रहा है।