राजस्थान क्रिकेट की राजनीति में आज उस समय जबर्दस्त उबाल आ गया जब आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।वैभव गहलोत ने RCA अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। पिछले कुछ दिनों से RCA में उथल – पुथल चल रही थी। कुछ जिला खेल सचिवों ने भी वैभव गहलोत के खिलाफ लामबंदी की कोशिश की थी। कोई भी एक्शन हो उससे पहले खुद वैभव गहलोत ने इस्तीफा दे दिया।
वैभव गहलोत पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे हैं। वे दो साल पहले लगातार दूसरी बार आरसीए के अध्यक्ष चुने गए थे। सूबे में बीजेपी की सरकार के आने के बाद हाल ही में राजस्थान क्रिकेट की राजनीति उस समय गरमा गई थी जब बीजेपी के दिग्गज नेता राजेन्द्र राठौड़ के बेटे पराक्रम सिंह ने चूरू संघ से निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित होकर आरसीए की पॉलिटिक्स में एंट्री ली थी।
पराक्रम सिंह राठौड़ के निर्वाचन को आरसीए की ओर से मान्यता नहीं देने पर विवाद हो जाने के बाद यह लड़ाई बढ़ गई थी। उसके बाद आरसीए की सियासत में गरमाहट आने लग गई थी। हालात को देखते हुए इस बात का अंदेशा पहले ही जताया जा रहा था कि इस विवाद का अंत कुछ ऐसा ही हो सकता है। उसके बाद सोमवार को सुबह आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत के खिलाफ अविश्ववास प्रस्ताव लाए जाने की सुगबुगाहट होने लग गई थी।
सूत्रों के मुताबिक आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर सदस्यों के हस्ताक्षर हो गए थे। अविश्ववास प्रस्ताव पर चौथाई बहुमत से हस्ताक्षर किए जाने का दावा किया गया था। अविश्वास की प्रक्रिया सिरे चढ़ती उससे पहले ही वैभव गहलोत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उसके बाद अब माना जा रहा है कि नागौर क्रिकेट संघ के अध्यक्ष धनंजय सिंह या फिर मुकेश शाह कार्यवाहक अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। धनजंय सिंह बीजेपी की भजनलाल सरकार के कैबिनेट मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के बेटे हैं।
वर्तमान हालात के बाद बताया जा रहा है कि आरसीए सचिव के साथ बाकी कार्यकारिणी सदस्य बने रहेंगे। अविश्वास प्रस्ताव पर 27 में से करीब 20 से ज्यादा जिला संघ के सचिवों ने हस्ताक्षर किए बताए जा रहे हैं। इनमें कभी वैभव गहलोत के नजदीकी रहे जिला संघों के भी हस्ताक्षर शामिल होने का दावा किया जा रहा है।