उदयपुर। शहर में स्वच्छता और ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन को लेकर निगम आयुक्त राम प्रकाश ने सख्त कदम उठाते हुए उदयपुर के कई प्रमुख सितारा होटलों, रेस्टोरेंट्स, मॉल और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को कम्पोस्ट प्लांट लगाने हेतु नोटिस जारी किए हैं। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के अंतर्गत प्रतिदिन 100 किलोग्राम से अधिक कचरा उत्पन्न करने वाले प्रतिष्ठानों को ‘बल्क वेस्ट जनरेटर’ (BWG) की श्रेणी में रखा गया है और उन्हें गीले कचरे के निस्तारण के लिए अपने स्तर पर कम्पोस्ट प्लांट लगाना अनिवार्य किया गया है फिर भी शहर में कई प्रतिष्ठानों द्वारा नियमों की पालना नहीं की जा रही हैं।
नगर निगम आयुक्त राम प्रकाश ने बताया कि कुछ समय पहले ठोस कचरा प्रबंधन व्यवस्था को लेकर नगर निगम द्वारा टीम का गठन किया गया था। टीम द्वारा शहर के सभी नामी एवं सितारा होटलों के साथ-साथ रेस्टोरेंट एवं प्रमुख प्रतिष्ठानों में कचरा निस्तारण की जानकारी प्राप्त की, जिस पर संज्ञान में आया कि कई प्रतिष्ठानों द्वारा अपने परिसर में कचरा प्रबंधन को लेकर तय नियमों की अवहेलना की जा रही है। शहर के कई नामी होटल, रेस्टोरेंट्स एवं मॉल में अब तक कम्पोस्ट प्लांट की स्थापना नहीं की गई है। इस पर निगम आयुक्त के निर्देश पर सख्त कार्रवाई करते हुए संबंधित प्रतिष्ठानों को 7 दिवस की चेतावनी के साथ नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में स्पष्ट रूप से अंकित किया गया है कि यदि संबंधित प्रतिष्ठान द्वारा निर्धारित समयावधि में कम्पोस्ट प्लांट स्थापित नहीं किया जाता है तो संबंधित प्रतिष्ठान पर 5000 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा।
7 दिनों की समयावधि, इसके बाद जुर्माना
नगर निगम आयुक्त राम प्रकाश ने जारी नोटिस में स्पष्ट किया हैं कि सभी चिन्हित बल्क वेस्ट जनरेटर 7 दिवस की समय सीमा के भीतर अपने प्रतिष्ठानों में कम्पोस्ट प्लांट स्थापित कर उसे क्रियाशील कर निगम कार्यालय को इसकी सूचना उपलब्ध कराएं। नियमों की अवहेलना की स्थिति में स्वायत्त शासन विभाग, जयपुर की अधिसूचना दिनांक 12 अप्रैल, 2019 के अनुसार 5000 रुपए प्रतिदिन की दर से शास्ति (जुर्माना) वसूल किया जाएगा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी संबंधित प्रतिष्ठान की होगी।
इन प्रतिष्ठानों को जारी हुए नोटिस
नगर निगम द्वारा जिन प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किए गए हैं, उनमें कई नामी होटल, रेस्टोरेंट्स, फूड चेन आउटलेट्स, मॉल और बेकरी शामिल हैं। इन प्रतिष्ठानों में प्रतिदिन बड़ी मात्रा में गीला कचरा उत्पन्न होता है, परंतु अब तक उन्होंने कम्पोस्टिंग की समुचित व्यवस्था नहीं की है। निगम द्वारा रेडिसन ब्लू होटल मल्लातलाई,खम्माघणी रेस्टोरेन्ट अम्बावगढ, हिलटॉप होटल अम्बावगढ, आमेट हवेली, अमराई घाट, दया रेस्टोरेन्ट देहली गेट, मीरा रेस्टोरेन्ट देहलीगेट, बावर्ची रेस्टोरेन्ट देहलीगेट, जगत निवास गणगौर घाट, अटारी रेस्टोरेन्ट राडाजी चौराहा, फिनीक्स सॉसायटी सुखाडिया सर्कल, आवोसा रेस्टोरेन्ट पंचवटी, पन्ना विलास रानी रोड, एवरेस्ट होटल रानी रोड, इन्द्रप्रकाश होटल रानी रोड, उदयपुर टु मुम्बई रेस्टोरेन्ट पोलो ग्राउण्ड, होटल लेक पिछोला,अमराई घाट, अमन्त्रा कम्फर्ट होटल सुखाडिया सर्कल, राजस्थान बेकरी सुरजपोल, स्टोरिया रॉयल होटल शोभागपुरा, टूबिट रेस्टोरेन्ट, अम्बावगढ, हरीगढ रेस्टोरेन्ट हनुमान घाट, छप्पन भोग रेस्टोरेन्ट सहेली मार्ग, कनेर बाग (ड्रीम पेलेस) सहेली मार्ग, सेलिब्रेशन बेकरी फतेहपुरा, राजबाग रेस्टोरेन्ट, अल्कापुरी फतहसागर, पेरेलर होटल, सहेली मार्ग, रेडीसन होटल, आईनोक्स मॉल आयड, अरवाना मॉल हाथीपोल, आईनोक्स मॉल आयड पुलिया, ली रॉय होटल रेलवे स्टेशन, पारस महल होटल पारस चौराहा, इन्दर रेजीडेन्सी शिकारवाडी, सोरमा किंग रेस्टोरेन्ट उदियापोल, पिज्जा ब्रस्ट, बीएन कॉलेज, पारस प्राईम मॉल पारस चौराहा, गोल्डन ट्यूलीप होटल एमजी कॉलेज, अरण्या विलास समोर बाग, रघुमहल होटल, कुम्हारो का भट्टा, द फर्न रेजीडेन्सी होटल हिरण मगरी, प्राईस होटल हिरण मगरी, शिव निवास पेलेस दूधतलाई आदि को नोटिस जारी किए गए है।
आयुक्त की अपील, स्वच्छता के साथ समझौता नहीं
नगर निगम आयुक्त राम प्रकाश ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि शहर की स्वच्छता में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिन प्रतिष्ठानों से प्रतिदिन 100 किलोग्राम से ज्यादा मात्रा में कचरा उत्पन्न होता है, उनकी यह ज़िम्मेदारी बनती है कि वे ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों का पालन करें और गीले कचरे का निस्तारण अपने स्तर पर करें। निगम समय-समय पर निरीक्षण करता रहेगा और नियमों की अवहेलना पर आर्थिक दंड के अलावा अन्य नियमानुसार कार्यवाही भी की जाएगी। आयुक्त ने कहा कि निगम द्वारा पहले ही कई बार प्रतिष्ठानों को जागरूक किया जा चुका है, और आवश्यक मार्गदर्शन भी प्रदान किया गया है। बार बार आग्रह करने के बाद भी नियमों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती है।
ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन नियम 2016 के बारे में यह है नियम।
भारत सरकार द्वारा लागू ‘ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन नियम, 2016’ के अंतर्गत यह व्यवस्था की गई है कि जिन संस्थानों से प्रतिदिन 100 किग्रा या उससे अधिक कचरा निकलता है, उन्हें बल्क वेस्ट जनरेटर घोषित किया गया है। ऐसे संस्थानों को अपने स्तर पर गीले कचरे का पृथक्करण और निस्तारण करना आवश्यक है। इसके तहत कम्पोस्टिंग या बायोगैस जैसी विधियों को अपनाना अनिवार्य किया गया है।