जयपुर,25 मार्च 2022 : राजस्थान की काँग्रेस सरकार अब मीडिया ,पोर्टल,अखबार और अन्य समाचार जगत में आने वाली खबरों के निदान के लिए सक्रिय होती नजर आ रही है। स्वायत शासन विभाग के अंतर्गत नगर पालिकाओं, नगर परिषद, यूआईटी और निगमों द्वारा लापरवाही और आम जनता के काम नहीं होने की मीडिया द्वारा समाचार पत्र और चैनलों पोर्टल के माध्यम से प्रकाशित और प्रसारित की जाती है लेकिन समाचारों पर इन संस्थाओं के अधिकारी ध्यान नहीं देकर नजरअंदाज कर देते हैं ।
राजस्थान सरकार के स्वायत्त शासन विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य के नगरीय निकायों में संपादित होने वाले कार्यों के संबंध में समय-समय पर समाचार पत्रों में खबरें प्रकाशित होती रहती है। इन समाचारों पर मुख्यमंत्री कार्यालय एवं सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को तत्काल टिप्पणी भिजवाया जाना आवश्यक होता है। विभाग के जनसंपर्क शाखा द्वारा संबंधित निकाय से संबंधित समाचार पत्रों की कटिंग निकाय के आयुक्त /अधिशासी अधिकारी को उसी दिन ईमेल एवं व्हाट्सएप के माध्यम से भिजवा कर यह अपेक्षा की जाती है कि वे उस पर अपनी सारगर्भित टिप्पणी तत्काल उसी दिन ईमेल एवं व्हाट्सएप के माध्यम से भिजवाए।
लेकिन खेद है कि नगरीय निकायों के आयुक्त अधिशासी अधिकारी दूरभाष पर बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद भी समाचार पत्र की कटिंग पर अपनी टिप्पणी 1 सप्ताह तक भी नहीं भिजवाई जाती है। जिसके कारण विभागीय टिप्पणी मुख्यमंत्री कार्यालय एवं सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को भिजवाना संभव नहीं हो पाता है । इससे न केवल विभाग की अपितु राज्य सरकार की छवि खराब होती है ।इस स्थिति को मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा काफी गंभीरता से लिया जा रहा है।
इसी तरह राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में मुख्यमंत्री और मंत्री नगरीय विकास, स्वायत्त शासन एवं आवासन विभाग के कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं। इन कार्यक्रमों के लिए भी संबंधित निकाय द्वारा समय पर वांछित सूचना प्रेषित नहीं की जाती है,जिससे माननीय मुख्यमंत्री महोदय एवं मंत्री महोदय का संबोधन समय पर तैयार कर भिजवाने में अनावश्यक विलंब होता है।
आदेश में यह भी कहा गया है कि नगरी निकायों द्वारा समय पर वांछित सूचना नहीं भिजवाना निकाय के आयुक्त और अधिशासी अधिकारी की गंभीर लापरवाही एवं राजकीय कार्यों के प्रति उदासीनता दिखाता है।