जयपुर के जेएलएन मार्ग स्थित नामचीन फोर्टिस हॉस्पिटल पर एक मरीज की हार्ट सर्जरी में लापरवाही का आरोप लगा है।
मामलें में प्राइवेट हॉस्पिटल फोर्टिस एक मरीज की हार्ट सर्जरी को लेकर सवालों के घेरे में आ गया है। मानसरोवर के परमहंस मार्ग निवासी उपेंद्र शर्मा (74 साल) की फोर्टिस हॉस्पिटल में हार्ट सर्जरी के 12 दिन बाद 12 जून की रात मौत हो गई थी। अस्थियां चुनने गए परिजनों को श्मशान घाट पर सर्जिकल कैंची मिली, तो अनहोनी की आशंका पैदा हो गई।
मरीज के परिवार के आरोप है कि ऑपरेशन के बाद से ही मरीज की तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई और मरीज की मौत हो गई।परिवार जब अस्थि चुनने श्मशान पहुंचा तब उसे सर्जिकल कैंची मिली। सुत्र बता रहे कि इसके बाद परिवार ने जब फोर्टिस हॉस्पिटल से संपर्क किया तो उन्होंने ऐसे सभी आरोपी को नकार दिया।
मृतक मरीज उपेन्द्र शर्मा के परिवार के लोगों ने फोर्टिस हॉस्पिटल पर मरीज के इलाज में गंभीर लापरवाही बरतने और हार्ट सर्जरी के दौरान कैंची अंदर ही छोड़ देने के आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि अस्पताल में हार्ट सर्जरी कराने के बाद उपेंद्र शर्मा की तबियत बिगड़ने लग गई थी। 12 दिन बाद उनकी मौत हो गई। आरोप है कि अस्पताल ने लापरवाही से ऑपरेशन किया और सर्जिकल कैंची मरीज के शरीर में ही छोड़ दी। परिवार वालों का कहना है कि जब वे मृतक की अस्थियां चुनने के लिए श्मशान गए तो वहां उन्हें सर्जिकल कैंची मिली।
मरीज की मौत को लेकर हॉस्पिटल का कहना है कि परिवार झूठ बोल रहा है। फिलहाल मृतक के परिवार ने जवाहर सर्किल थाने में हॉस्पिटल के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। बता दें कि जयपुर के मानसरोवर इलाके में रहने वाले 74 वर्षीय उपेंद्र शर्मा की फोर्टिस हॉस्पिटल में हार्ट सर्जरी हुई थी। मृतक के दोहते दिलखुश ने बताया कि 12 दिनों बाद उनकी 12 जून की रात मौत हो गई थी।
मृतक के बेटे कमल जो की दुबई रहते है उनकी पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि 29 मई को उनके पिताजी उपेंद्र शर्मा की तबीयत खराब होने पर जवाहर सर्किल थाना क्षेत्र के फोर्टिस हॉस्पिटल ले गए थे। यहां डॉ. राकेश चित्तौड़ा से इलाज शुरू किया। फोर्टिस हॉस्पिटल में मृतक उपेंद्र शर्मा का हार्ट बायपास किया गया था।इसके बाद उनकी बॉडी में इंफेक्शन हो गया। 12 जून की रात करीब साढ़े आठ बजे उनकी मौत हो गई।
सरकार ने जांच कमिटी की गठित
मामले में संज्ञान लेते हुए राजस्थान सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने 3 सदस्यों की कमेटी का गठन किया है जिसमें डॉ रवि प्रकाश माथुर, डॉक्टर सुशील कुमार परमार और डॉक्टर बी एल मीणा को जांच कर रिपोर्ट 3 दिन में प्रस्तुत करने को कहा गया है।