इलाज कराने पहुंचे मरीजों को डॉक्टर ने गालियां देकर भगाया, बिना इलाज घर पहुंचे मरीज
कोटड़ा: मांडवा क्षेत्र में मौसमी बीमारियों से बीमार हुए मरीज जब इलाज के लिए हॉस्पिटल पहुंचे तो मांडवा पीएचसी डॉक्टर ने सभी मरीजों को गालियां देकर हॉस्पिटल से भगा दिया। धमकाने के बाद बीमार लोग वापस अपने घर चले गए। पूर्व प्रधान मुरारीलाल बुंबरिया ने बताया कि बुधवार दोपहर को मेरे गांव के लोग इलाज कराने हॉस्पिटल पहुंचे थे। जहां मांडवा पीएचसी पर तैनात डॉक्टर सुभाष चंद्र गलेत ने मरीजों के साथ गाली गलौज कर सभी को हॉस्पिटल से भगा दिया गया। यह कोई आज की समस्या नहीं है। डॉक्टर सुभाष की 2023 में जब से मांडवा पीएचसी में पोस्टिंग हुई है। तब से अधिकांश मरीजों का इलाज करने से मना कर देते है और आए दिन मरीजों के साथ गाली गलौज कर गलत व्यवहार करते है। इतना ही नहीं गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराने से मना कर देते है। जिससे मरीजों और गर्भवती महिलाओं को मजबूर होकर नीम हकीम बंगाली झोलाछाप डॉक्टरों के पास जाना पड़ रहा है।
गर्भवती महिलाओं को प्रसव से मना किया, कोई बीच रास्ते या आधा घंटे बाद घर पर हुआ प्रसव
पूर्व प्रधान मुरारीलाल बुंबरिया ने डॉक्टर सुभाष चंद्र पर गंभीर आरोप लगाए हुए बताया कि जब भी गर्भवती महिलाएं प्रसव के लिए मांडवा हॉस्पिटल जाती है डॉक्टर उन्हें बिना जांच किए ही वापस रवाना कर देते है। ऐसे दर्जनों केस हमारे पास है जिन्हें डॉक्टर ने बिना इलाज और प्रसव कराए ही घर और अन्य प्राइवेट हॉस्पिटल भेज दिया गया।
केस 1
मांडवा निवासी गर्भवती महिला मानी पत्नी श्रवण जाति बुंबरिया प्रसव दर्द से कराहतें हुए मांडवा पीएचसी पहुंची तो डॉक्टर ने प्रसव में लंबा समय लगेगा यह कहकर हॉस्पिटल से रवाना कर दिया और महज आधे घंटे बाद ही मानी का अपने घर पर ही प्रसव हो गया।
केस 2
मांडवा निवासी पुनी पत्नी भोजा बुंबरिया अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर मांडवा पीएचसी पहुंचा तो डॉक्टर सुभाष ने प्रसव कराने से मना कर दिया जिससे भोजा और उनके परिजन पुनी को लेकर घर पहुंचे ही थे कि बीच रास्ते उसकी डिलीवरी हो गई।
केस 3
मांडवा के रूपणी निवासी रमी पत्नी मदन जाति खैर परिवार सहित अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर मांडवा पीएचसी पहुंचे तो डॉक्टर ने स्टाफ नहीं होने की बात कहते हुए मांडवा में अन्य प्राइवेट हॉस्पिटल लेकर जाने की बात कही। इस पर मजदूरी करने वाले मदन ने जेब में पैसा नहीं होने की बात कही और हॉस्पिटल से घर रवाना हुए तो महज डेढ़ घंटे बाद ही घर पर उसका प्रसव हो गया।
'' कुछ लोग ओपीडी समय पूरा होने के बाद आए थे। रही बात गर्भवती महिलाओं की जिन महिलाओं का हिमोग्लोबिन कम था या दो से अधिक बच्चे थे उनका स्वास्थ्य कारणों से रेफर किया होगा। आरोप लगाने की बात मुझे पता नहीं है। जिसे रेफर किया होगा उस दौरान की ओपीडी में नाम देखकर ही बता सकता हूँ।''
सुभाष चंद्र गलेत, मांडवा पीएचसी डॉक्टर