जयपुर, 9 दिसम्बर। मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने राज्य में आकाशीय बिजली गिरने की ज्यादा आशंका वाले स्थानों को चिह्वित कर तड़ित चालक यंत्र लगाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
श्री आर्य गुरूवार को यहां शासन सचिवालय में आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग की राज्य कार्यकारी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे।
मुख्य सचिव ने पुरातत्व विभाग द्वारा चिह्वित स्थानों पर तड़ित चालक यंत्र लगाने पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में ऊंचाई वाले ऎसे अन्य स्थानों का भी चयन करें जहां सामान्यतः आकाशीय बिजली गिरने की आशंका ज्यादा रहती है। उन्होंने कहा कि वहां के लिए योजना तैयार कर तड़ित चालक यंत्र लगाने की कार्यवाही सुनिश्चित करें। श्री आर्य ने कृृषि आदान अनुदान के प्रस्ताव विलम्ब से भेजने को गंभीर मानते हुए संबंधित तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश भी दिए। उन्होंने बाड़मेर जिले में पेयजल आपूर्ति टैंकरों तथा जैसलमेर जिले में पशु चिकित्सा शिविरों एवं चारा डिपो के लम्बित भुगतान के प्रकरणों का पुनः सत्यापन कराने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर झालावाड़ जिले में क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों एवं भरतपुर में सड़कों की मरम्मत का बकाया भुगतान जारी करने को स्वीकृृति दी गई। एचसीएम रीपा में राज्य कार्मिकों को आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण देने एवं नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षक कोर्स के प्रशिक्षण के प्रस्तावों को भी मंजूर किया गया। श्री आर्य ने पुलिस विभाग को आपदा प्रबंधन से जुड़े उपकरण मुहैया कराने के प्रकरण में गृृह विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अभय कुमार को परीक्षण कर पुनः प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर आपदा प्रबंधन से जुड़े विभिन्न मसलों पर भी चर्चा कर निर्णय लिए गए।
आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री आनन्द कुमार ने एसडीआरएफ में बजट उपलब्धता की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने इस वर्ष एसडीआरएफ से सुखा, बाढ़, ओलावृृष्टि, कोविड-19 सहित विभिन्न आपदा से जुड़े प्रकरणों में 1305 करोड़ रूपये आवंटित किए हैं। सहायता विभाग की संयुक्त शासन सचिव श्रीमती कल्पना अग्रवाल ने विभिन्न प्रकरणों के संबंध में विस्तार से अवगत कराया। बैठक में विभिन्न विभागों के शासन सचिव एवं संबंधित जिलों के जिला कलक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंस से शामिल हुए।