राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सियासी संग्राम रोचक और निर्णायक मोड़ पर आ खड़ा हुआ है। आज से पायलट अजमेर से जयपुर के बीच भ्रष्टाचार के खिलाफ जन संघर्ष पदयात्रा की शुरूआत करेंगे। वहीं सचिन पायलट की जनसंघर्ष यात्रा के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की तैनाती के आदेश जारी किए गए। अब सीआरपीएफ के जवानों के सुरक्षा के घेरे में पायलट की पदयात्रा होगी।
सचिन पायलट की जन संघर्ष पदयात्रा में सीआरपीएफ(CRPF) की तैनाती के अलग-अलग सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। आपको बताते चले कि सीआरपीएफ केंद्र सरकार के अधीन काम करती है। माना जा रहा है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इशारे पर ही पायलट की यात्रा में सीआरपीएफ की तैनाती की गई है।
हालांकि MHA द्वारा जारी आदेश में संभावित आतंकी हमले के मद्देनजर CRPF की तैनाती की जा रही है लेकिन खबरनवीसों सहित राजनीतिज्ञ आंकलन लगा रहे है कि इस तरह केंद्र द्वारा CRPF कवर दिया जाना कहीं पर्दे के पीछे भाजपा और पायलट ग्रुप की मूक जुगलबंदी का परिणाम तो नहीं है? अमूमन कानून व्यवस्था राज्य सरकार का दायित्व होती है और पायलट को पहले से ही Y श्रेणी की सिक्युरिटी मिली हुई है। साथ ही पायलट पूर्व मुख्यमंत्री के पद पर रह चुके है और बड़े जनाधार वाले नेता है तो ऐसे में राज्य सरकार और पुलिस पहले से ही उनकी सुरक्षा में चाक चौबंद रहते है। फिर भी केंद्र द्वारा पायलट की जन संघर्ष पद यात्रा में सुरक्षा हेतु CRPF की तैनाती सवाल पैदा कर रही है। कयास ये भी है कि कहीं राजस्थान पुलिस पायलट की यात्रा में कोई विरोधाभासी इनपुट लाकर यात्रा के भविष्य को हिला न दे ,ऐसी स्थिती से उबरने के लिए CRPF की उपस्थिति सहयोगात्मक हो सकती है। वहीं अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि किसके आग्रह पर CRPF की तैनाती का आर्डर MHA ने जारी किया है।
उधर विश्लेषकों का मानना है कि अब सचिन पायलट के काँग्रेस में लौटने के अवसर लगभग खत्म हो चुके है। ऐसे में आने वाले दिनों में या तो पायलट अपनी नई पार्टी का ऐलान कर सकते है या विकल्प के तौर पर भाजपा में जगह बना सकते है। यदि ऐसा होता है तो राजस्थान में भाजपा की बढ़त तय मानी जा सकती है क्योंकि राजस्थान की कई विधानसभा सीटों पर पायलट का प्रभाव है और साथ मिलने पर ये सीटें निश्चित तौर पर भाजपा की झोली में आ सकती है। बरहाल केंद्रीय भाजपा ने बिसात बिछा दी है और खिलाड़ी खेल खेलने को आतुर दिखाई दे रहे है।