Breaking News

Dr Arvinder Singh Udaipur, Dr Arvinder Singh Jaipur, Dr Arvinder Singh Rajasthan, Governor Rajasthan, Arth Diagnostics, Arth Skin and Fitness, Arth Group, World Record Holder, World Record, Cosmetic Dermatologist, Clinical Cosmetology, Gold Medalist

Rajasthan / पेयजल आपूर्ति व्यवस्था की समीक्षा भीषण गर्मी को देखते हुए पेयजल आपूर्ति का हो व्यवस्थित प्रबंधन: मुख्यमंत्री

clean-udaipur पेयजल आपूर्ति व्यवस्था की समीक्षा  भीषण गर्मी को देखते हुए पेयजल आपूर्ति  का हो व्यवस्थित प्रबंधन: मुख्यमंत्री
DINESH BHATT March 30, 2022 09:10 AM IST

जयपुर, 29 मार्च। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि मार्च माह में ही भीषण गर्मी को देखते हुए अगले तीन माह में पेयजल आपूर्ति की मांग बढ़ेगी। इसे देखते हुए जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग तथा सभी जिला कलेक्टर प्रदेश में सुचारू जलापूर्ति के लिए उपलब्ध जल संसाधनों का व्यवस्थित प्रबंधन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि पीएचईडी, बिजली एवं पुलिस प्रशासन सभी समन्वय के साथ कार्य करें, ताकि पेयजल आपूर्ति की समस्या गम्भीर नहीं हो एवं कानून व्यवस्था की स्थिति बनी रहे।  

 

श्री गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर पेयजल व्यवस्था के लिए कंटीजेंसी प्लान के तहत आवश्यक स्वीकृतियां शीघ्रता से जारी करें और हैण्डपंप एवं नलकूप मरम्मत के कार्यों को अभियान के रूप में पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि कहीं भी पेयजल संकट की स्थिति बनने पर व्यवस्थाएं सुचारू रहें, जिला कलेक्टर यह सुनिश्चित करें। उन्होंने पेयजल संबंधी शिकायताें की प्रभावी मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जिलाें में पेयजल की कमी है वहां लोगों को पेयजल आपूर्ति के बारे में अखबारों एवं सोशल मीडिया के माध्यम से सूचना उपलब्ध कराई जाए। लोगों को इसके बारे में जागरूक भी किया जाए ताकि व्यवस्थाएं सुचारू रहें। नहरबन्दी के दौरान प्रभावित जिलों में पेयजल स्टोरेज की समुचित व्यवस्था रखी जाए और पानी चोरी रोकने के इंतजाम किए जाएं।

 

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जलदाय विभाग ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में टैंकर से पेयजल आपूर्ति की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए सुदृढ़ तंत्र स्थापित करे। इसके साथ ही, जिलों में स्थापित कंट्रोल रूम का सुचारू संचालन किया जाए तथा खण्ड, वृत्त एवं क्षेत्रीय कार्यालयों के स्तर पर भी कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएं। हैल्पलाइन 181 तथा अन्य माध्यमों से प्राप्त पेयजल आपूर्ति से संबंधित शिकायतों का तत्काल प्रभाव से निस्तारण सुनिश्चित करें।

 

मुख्यमंत्री ने अप्रैल से अगस्त माह तक पेयजल आपूर्ति के लिए पीएचईडी को 421 किराए के वाहन लेने एवं 2500 संविदाकर्मियों रखने की स्वीकृति दे दी। उन्होंने  प्रदेश में जलापूर्ति की प्रभावी व्यवस्था के लिए बजट में की गई घोषणाओंं को समयबद्ध रूप से पूरा करने के निर्देश दिए। 

मुख्यमंत्री ने बीकानेर एवं जोधपुर के संभागीय आयुक्तों, अजमेर, दौसा, जोधपुर, सिरोही, पाली एवं जयपुर के कलेक्टर से बातचीत कर वहां पेयजल आपूर्ति के लिए किए गए उपायों तथा कंटींजेन्सी प्लान के तहत दी गई स्वीकृतियों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने नहरबन्दी से प्रभावित जिलों में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था सुचारू रखने के निर्देश दिए।

 

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी ने कहा कि दूषित पेयजल की समस्या के समाधान के लिए प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। पंचायत स्तर पर पानी जांच के लिए टूल किट उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि जयपुर के परकोटे क्षेत्र की पाईप लाइन बदलने के लिए की गई 283 करोड़ रूपये की बजट घोषणा से दूषित पेयजल की समस्या का प्रभावी समाधान हो सकेगा।  

 

ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री श्री रमेश मीणा ने कहा कि टैंकरों द्वारा की जा रही पेयजल आपूर्ति का पानी शुद्ध हो यह सुनिश्चित की जाए। ऊर्जा राज्यमंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि गर्मियों के मौसम में बिजली आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के लिए ऊर्जा एवं पीएचईडी विभाग के अधिकारी समन्वय के साथ कार्य करें। 

 

अतिरिक्त मुख्य सचिव जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी श्री सुधांश पंत ने बताया कि अभी प्रदेश के 14 शहरों एवं 5 जिलों के 234 गांव-ढाणियों में पेयजल परिवहन किया जा रहा है। अप्रैल से अगस्त माह तक ग्रामीण क्षेत्रों में टैंकरों द्वारा पेयजल परिवहन के लिए 86.69 करोड़ तथा शहरी क्षेत्रों के लिए 29.11 करोड़ रूपये की स्वीकृति जारी कर दी गई। जिला कलेक्टर की अनुसंशा पर 50 लाख के आकस्मिक कार्य की स्वीकृतियां जारी की जा रही हैं। अब तक 528.91 लाख रूपये के 11 जिलाें के 98 कार्य स्वीकृत किए गए हैं। 

 

श्री पंत ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में विभाग द्वारा प्रदेश में कुल 3405 हैण्डपंप एवं 1911 ट्यूबवेल कमीशन किये गये हैं। इसके अतिरिक्त 2559 हैण्डपंप एवं 1384 ट्यूबवेल स्वीकृत हैं जिनका कार्य प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है। उन्होेंने जिला कलेक्टरों को 50 लाख रूपये कंटींजेन्सी कार्यों को प्राथमिकता से पूरे करने एवं पेयजल की कमी वाले क्षेत्रों में आवश्यकता अनुसार टैंकरों से परिवहन करने के निर्देश दिए।

 

बैठक में आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री श्री गोविन्द राम मेघवाल, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी राज्यमंत्री श्री अर्जुन सिंह बामनिया, मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा श्री सुबोध अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सभी जिला कलेक्टर भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक से जुड़े।

 

  • fb-share
  • twitter-share
  • whatsapp-share
clean-udaipur

Disclaimer : All the information on this website is published in good faith and for general information purpose only. www.newsagencyindia.com does not make any warranties about the completeness, reliability and accuracy of this information. Any action you take upon the information you find on this website www.newsagencyindia.com , is strictly at your own risk
#

RELATED NEWS