जयपुर, 7 मार्च । अल्पसंख्यक मामलात मंत्री श्री शाले मोहम्मद ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि विभाग द्वारा अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र के संबंध में जारी किए गए नवीन दिशा-निर्देशों व परिपत्र का उद्देश्य अल्पसंख्यकों को विभिन्न योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति द्वारा फर्जी अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र बनाया गया है तो इसके संबंध में शिकायत जिला कलेक्टर व प्रमुख शासन सचिव की अध्यक्षता में गठित समितियों के समक्ष की जा सकती है।
श्री शाले मोहम्मद ने शून्यकाल में विधायक श्री गुलाब चंद कटारिया व श्री शंकर सिंह रावत द्वारा इस सम्बन्ध में रखे गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर अपना वक्तव्य दे रहे थे। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आदेशों के अंतर्गत मुस्लिम, ईसाइ, जैन, सिक्ख, पारसी एवं बौद्ध अल्पसंख्यक समुदाय में आते है और ये समुदाय विभिन्न जातियों में विभक्त हैं। उन्होंने कहा कि इन्हें अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र बनाने हेतु आवेदन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज, शपथ पत्र व हल्का पटवारी की रिपोर्ट देनी होती है। इसके लिए विभाग द्वारा नवीन दिशा-निर्देश भी जारी किए गए है।
अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति द्वारा फर्जी अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र बनाया गया है तो इस संबंध में शिकायत जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति में की जा सकती है। इसके संबंध में राज्य स्तर पर प्रमुख शासन सचिव की अध्यक्षता में भी समिति का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र संबंधी दिशा-निर्देशों का सरलीकरण विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा प्रेषित प्रतिवेदनों व मांग के आधार पर किया गया है।