जयपुर, 10 दिसंबर। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम व ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने राज्य के तीनों डिस्कॉम्स से सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं के बिजली बिलों की बकाया राशि की वसूली के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्हाेंने केन्द्र व राज्य सरकार के विभागों, उपक्रमों व निकायों में भी बिजली बिलों के विरूद्व बड़ी राशि बकाया होने पर चिंता व्यक्त करते हुए बकाया राशि वसूली की समयवद्ध कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्थानांतरित अधिकारियों व कार्मिकों को तत्काल पदस्थापन स्थान पर कार्यग्रहण करने के निर्देश देते हुए आदेशों की पालना नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की चेतावनी भी दी है।
डॉ. अग्रवाल शुक्रवार को यहॉ विद्युत भवन मेें चेयरमैन डिस्काम्स श्री भास्कर ए. सावंत के साथ विद्युत विभाग से जुड़ी उदय, सौभाग्य आदि योजनाओें के क्रियान्वयन के साथ ही बकाया राशि की वसूली के प्रयासों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में बताया कि केन्द्र व राज्य सरकार के विभागों, उपक्रमों व निकायों को उपलब्ध कराई जा रही बड़ी राशिसे भी अधिक की राशि बकाया है। डॉ. अग्रवाल ने इसे गंभीरता से लेते हुए संबंधित संस्थाओं से भी बकाया राशि जमा कराने और भविष्य में समय पर बिल जमा कराने को कहा है। एक मोटे अनुमान के अनुसार स्थानीय निकायों, नगर पालिकाओं, नगर निगमों, पंचायतों आदि में करोड़ों रूपये बकाया है। उन्होंने संबंधित संस्थाओं को भी विद्युत विभाग की बकाया राशि शीघ्र जमा कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में बकाया राशि का सीधा असर डिस्कॉम्स की वित्तीय स्थिति व कार्यप्रणाली पर पड़ता है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार की जानकारी में आया है कि स्थानांतरण अवधि में स्थानांतरित अधिकारियों व कार्मिकाें में से कुछ ने अभी तक नए स्थान पर कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्हाेंने तीनों डिस्काम्स के प्रबंध निदेशकों को ऎसे अधिकारियों व कार्मिकों को पदस्थापित स्थान पर कार्यभार तत्काल ग्रहण कराकर राज्य सरकार को सूचित करने के निर्देश दिए।
चेयरमैन डिस्कॉम्स श्री भास्कर ए. सांवत ने तीनों डिस्कॉम्स को वित्तीय अनुशासन बनाए रखते हुए बकाया वसूली का एक्सन प्लान बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने बकाया विद्युत राशि के अवधि के आधार पर विश्लेषण करने को कहा। श्री सावंत ने बताया कि डिस्कॉम्स की नियमित मोनेटरिंग से सुधार होने लगा है पर अभी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है।
इस दौरान एग्रीगेट टेक्निकल एण्ड कॉमर्शियल लासेस (एटीएण्डटी) कम करने, छीजत रोकने और समयवद्ध कार्ययोजना बनाकर क्रियान्वयन के निर्देश दिए।