राजस्थान की पूर्ववर्ती काँग्रेस सरकार की ओर से कराए गए ग्रामीण ओलंपिक पर किए गए खर्च को लेकर विस्फोटक जानकारियां सामने आई है। कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने विधानसभा में मंगलवार को पूरे मामले की जांच की घोषणा की। इससे पहले निर्दलीय विधायक मनोज कुमार न्यांगली ने ओलंपिक खेलों पर हुए खर्च को लेकर सवाल पूछा था।
न्यांगली ने अधिकारियों पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने प्रश्न के जवाब में उत्तर दिया है कि कोई जांच नहीं की गई, जबकि मेरी पंचायत समिति राजगढ़ में ग्रामीण ओलंपिक खेलों के खर्चे की जांच हुई, जिसमें तीन अधिकारियों को चार्टशीट दी गई है। उन्होंने कहा कि इन खेलों पर 155 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए और सरकार कह रही है कि इन खेलों में शामिल खिलाड़ियों का राज्य, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई चयन नहीं हुआ तो एक अरब 55 करोड़ क्यों खर्च हुआ ? इन खेलों में 126 करोड़ रुपए की टीशर्ट खरीदी गई। उन्होंने पूर्व क्रीड़ा परिषद अध्यक्ष कृष्णा पूनिया और उनके पति पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में एक दंपति ने घोटाला किया है। शपथ पत्र गलत लगाकर मुख्य खेल अधिकारी की नौकरी प्राप्त की।
मंत्रालय के कुल बजट से चार गुणा ज्यादा किया खर्च
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि मंत्रालय का जितना बजट है, उससे चार गुणा ज्यादा इस ओलंपिक खेल पर खर्च किया गया है। इसके बाद भी न तो कोई स्टेडियम बनाया गया और न ही विभाग के लिए कोई असेसट्स बनाए गए। हम वित्त विभाग से इसकी जांच कराएंगे। साथ ही चीफ स्पोटर्स अफसर की भी जांच कराई जाएगी।