पेपरलीक और भ्रष्टाचार के अन्य मामलों में राजस्थान की छवि बदलने के प्रयास में राजस्थान की भजन लाल सरकार तत्पर दिखाई दे रही है। इससे पहले राज्य की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर भाजपा विभागों में भ्रष्टाचार को लेकर हमलावर रही थी। इससे माना जा रहा है कि भजनलाल सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से छवि साफ रखने के लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ जांच के लिए अभियोजन के मामलों में तेजी लाने का प्रयास करेगी।
पेपरलीक और भ्रष्टाचार के अन्य मामलों में सख्त दिख रही भजनलाल सरकार अब भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों की जांच को लेकर 45 विभागों में लंबित चल रही 469 अभियोजन स्वीकृति के मामलों में भी कठोर कदम उठा सकती है। राज्य में पिछले वर्षों में एन्टी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने बड़ी संख्या में नौकरशाहों को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। लेकिन इनके खिलाफ जांच के लिए एसीबी को अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने से अब तक इनके खिलाफ कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है।
अब अंदर खाने चर्चा है कि राजस्थान सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस की नीति के चलते मुख्यमंत्री जांच के लिए विभागों से अभियोजन स्वीकृति दिलवा सकते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि कार्मिक विभाग में भी करीब 54 मामलों में अभी तक अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली है। अब यह विभाग भी मुख्यमंत्री के पास है।