राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस चुनावों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने कमर कसी हुई है। बीजेपी के लिए स्थानीय नेताओं के साथ साथ राष्ट्रीय नेता और केंद्रीय मंत्री लगातार राज्य का दौरा कर राजस्थान की गहलोत सरकार को घेर रहे हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से सीएम अशोक गहलोत के साथ कांग्रेस के आला नेता और राज्य स्तरीय नेता सूबे में कांग्रेस की सरकार को रिपीट करवाने की कोशिश में जुटे हैं। ऐसे समय में जब कांग्रेस और बीजेपी के बीच राजनीतिक खींचतान का दौर जारी है। इस बीच राजस्थान चुनाव को लेकर एक सर्वे सामने आया है।
राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए एआईसीसी (AICC) की ओर से माइंड शेयर के हेड सुनील कोनूगुलू ने अपनी टीम के साथ सर्वे किया था। इससे पहले कर्नाटक में सुनील कोनूगुलू के सर्वे के आधार पर टिकट बांटे गए थे और कर्नाटक में कांग्रेस सरकार बनाने में सफल भी हुई थी।
हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि कांग्रेस अलग-अलग स्तर पर सर्वे करवा रही है। लेकिन कांग्रेस आलाकमान को सुनील कोनूगोलू की सर्वे रिपोर्ट का इंतजार था। इस तरह अब कांग्रेस आलाकमान सभी सर्वे रिपोर्ट को मिलाकर उम्मीदवारों का चयन करेगा ।
स्क्रीनिंग कमेटी PEC से प्रत्याशियों के नाम मांग चुकी है। इसी बीच सुनील कोणुगुलु की चौकानें वाली रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें 60 से 70 सीटों को कमजोर माना गया है। इनमें से 40 सीटों पर विधायकों के टिकट काटने की बात कही गई है। सबसे खास बात यह है कि टिकट काटने की लिस्ट में पांच मंत्री भी शामिल है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी नए लोगों को विधानसभा चुनाव में मौका दे सकती है।
आपको बताते चले कि कांग्रेस, मुख्यमंत्री गहलोत की योजनाओं को आगे रखकर विधानसभा चुनाव की रणनीति तय की जा रही है,लेकिन विधायकों की एन्टीइनकमबेंसी उनके गृह क्षेत्र में बहुत ज्यादा दिखाई दे रही है। ऐसे में कई विधायकों के टिकट कटने के चांस हैं। कांग्रेस इस बार केवल जिताऊ उम्मीदवार का पैमाना लेकर ही टिकट दे सकती है। उधर दूसरी ओर बीजेपी आलाकमान का मानना है कि पिछली विधानसभा चुनाव में टिकटों का बंटवारा सही ढंग से नहीं हुआ था ,इसलिए भाजपा आलाकमान इस बार दिल्ली में एक-एक सीट को लेकर मंथन कर रहा है। सूत्र बता रहे हैं कि भाजपा इस बार युवाओं को बड़ी संख्या में विधानसभा चुनाव में टिकट देने जा रही है।