थाने के बाहर चालान बनाने के अधिकार और शक्तियां पुलिस को नहीं !
वाहन चेकिंग कर चालान बनाना ऑर्डर वो भी ठीक थाने के बाहर, ये अक्सर उदयपुर के कई पुलिस थानों के बाहर देखा जाता है,जब कोई व्यक्ति थाने के बाहर से गुजर रहा होता है तो अचानक से सिविल ड्रेस में कोई कॉन्स्टेबल आकर हाथ पकड़ लेता है। जिससे कोई दुपहिया चालक दुर्घटना ग्रस्त भी हो सकता है । लेकिन पुलिस को तो वाहन चेकिंग कर चालान बनाने की ड्यूटी पूरी करनी होती है।
लेकिन क्या आपको पता है कि उच्चधिकारियों ने थाने के बाहर चालान बनाने के कोई आदेश नही दे रखे और न ही थाना किसी थाना पुलिस को चालान बनाने के अधिकार व शक्तिया है। ये हम नही कह रहे,ये खुलासा उदयपुर पुलिस विभाग द्वारा RTI के अंतर्गत प्रदत्त जवाब से हो रहा है।
उदयपुर के पुलिस विभाग से निम्न सूचनाएं चाही गई थीं
(1) दिनाँक 13 मार्च 2024 की शाम 3 बजे से लेकर 7 बजे के मध्य भूपालपुरा थाने के बाहर काटे गए समस्त चालानों की सत्यापित सूचना प्रदान की जाए।
(2) भूपालपुरा थाने में कार्यरत समस्त कार्मिकों के पास उन अधिकारों व शक्तियों की सत्यापित सूचना प्रदान की जाए जिनके आधार पर वे वाहन चेकिंग और चालान बना सकते है।
(3) भूपालपुरा थाने के बाहर दिनाँक 13 मार्च 2024 को वाहनों के इंश्योरेंस न होने पर काटे गए समस्त चालानों की सत्यापित सूचना प्रदान की जाए
(4) भूपालपुरा थाने के बाहर वाहन चेकिंग और चालान बनाने हेतु उच्चाधिकारियों द्वारा जारी किए गए आदेशो की सत्यापित सूचना प्रदान की जाए।
RTI में प्रदत्त प्रथम बिंदु के जवाब में 7 चालान दिए गए जो हर 5 मिनट के समयांतराल में दुपहिया पर 3 सवारी के जुर्माने के थे, बिंदु 3 की सूचना शून्य बताई गई जिसका सीधा तातपर्य यही है कि पुलिस के पास थाने के बाहर चालान बनानेअधिकार व शक्तिया शून्य है।
बिंदु 3 व4 की सूचना थाने से सम्बंधित नही बताई गई।
शायद पुलिस ने वाहनों के इंश्योरेंस चेक ही नही किए होंगे।
उच्चाधिकारियों द्वारा दिये गए प्रदत आदेशों के संदर्भ में सूचना नही दिये जाने का अर्थ है कि ऐसे कोई आदेश ही नही है थाने के बाहर चालान बनाने क़े।
सार यही है कि भूपालपुरा पुलिस थाने को थाने के बाहर चालान बनाने से पूर्व ये स्पष्ट कर देना चाहिए कि ऐसा करने के उनके पास अधिकार व शक्तिया मौजूद है या फिर कोई आदेश उच्चाधिकारियों द्वारा दिये गए है।
यदि अधिकार व शक्तिया नही होने के बावजूद थाने के बाहर चालान बनाए जा रहे है तो ये एक गैर कानूनी कृत्य की श्रेणी में आता है।