सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच फिर से नया बखेड़ा खड़ा होता दिखाई दे रहा है। राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट की लड़ाई अब नए सिरे से फिर शुरू हो गई है जहां पायलट ने चुनावों से महज 6 महीने पहले अपनी ही सरकार पर सबसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
सचिन पायलट ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी की सरकार पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। रविवार को पायलट ने अपने आवास पर एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर कहा कि चुनाव के 6-7 महीने बचे हैं, विरोधी भ्रम फैला सकते हैं कि कहीं कोई मिलीभगत तो नहीं है, यह साबित करने के लिए जल्दी कार्रवाई करनी होगी। ताकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लगे कि हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है।
पायलट ने कहा कि देश में केंद्र सरकार ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है और हमारे कांग्रेस नेताओं पर कार्रवाई हो रही है लेकिन राजस्थान में हमारी सरकार एजेंसियों का कोई इस्तेमाल नहीं कर रही है।
पायलट ने कहा- वसुंधरा सरकार के वक्त विपक्ष में रहते हुए हमने 45 हजार करोड़ के घाेटालों को लेकर आवाज उठाई थी और यह वादा किया था कि सरकार आएगी इन घोटालों पर निष्पक्ष तरीके से जांच करवाएंगे और दोषियों को सजा देंगे। मैंने कभी द्वेषपूर्ण कार्रवाई के लिए नहीं कहा, लेकिन विपक्ष के रूप में बनी हमारी विश्वसनीयता को बरकरार रखना होगा।
पायलट ने आगे कहा- राजे सरकार के मामलों पर मैंने सीएम गहलोत को दो बार चिट्ठी लिखी थी जिसमें मैंने राजे सरकार के ऊपर लगाए आरोपों पर एक्शन लेने को कहा था लेकिन गहलोत की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने बताया कि मैंने सीएम को पहली चिट्ठी 28 मार्च 2022 को और दूसरी चिट्ठी 2 नवंबर 2022 को लिखी लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।