सरकार बदलने के बाद भी राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों का रवैया बदला नहीं है। आज भी सरकारी कर्मचारी/ अधिकारी अपने घर से ऑफिस का काम संचालित करते हैं। ऐसे मामलों से सख्ती से निपटने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल ने सभी जिला स्तर के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे फील्ड में जाकर निरीक्षण करें और उसकी रिपोर्ट जयपुर भेजें।
इसी क्रम में राज्य सरकार एवं जिला कलेक्टर व्यावर के द्वारा समय समय पर जारी दिशा निर्देशो की पालना में बीते दिन ग्राम पंचायत पिपलिया कला का औचक निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के दौरान ग्राम विकास अधिकारी बिना समक्ष अधिकारी की अनुमति के अनुपस्थित पाये गये। ग्राम पंचायत में उपस्थित कार्मिक से ग्राम पंचायत से संबंधित रिकॉर्ड मांगने पर रिकॉर्ड ग्राम विकास अधिकारी के घर पर होना बताया गया। तत् समय अधोहस्ताक्षरकर्ता एवं कार्मिक द्वारा पिपलिया कला मे अधिकारी के अस्थाई निवास पर मिले दस्तावेजो की सूची तैयार की गई। इस तरह सरकारी दस्तावेजो को निवास स्थान पर रखने का कृत्य राजकीय कार्य के प्रति अवेहलना को दर्शाता है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार रायपुर उपखंड अधिकारी सुरेश कुमार को पिछले कई दिनों से पिपलियां कलां के ग्राम विकास अधिकारी की कार्यशैली को लेकर शिकायतें मिल रही थी। जिस पर मंगलवार को एसडीओ मंगलवार को अचानक पिपलियां कलां ग्राम पंचायत पहुंच गए। जहां ना तो ग्राम विकास अधिकारी मौके पर मिला ना ही ग्राम पंचायत का कोई रिकॉर्ड। जिस पर एसडीओ ने वहीं से ग्राम विकास अधिकारी को कई फोन लगाए। लेकिन उसने कोई रिप्लाई नहीं दिया। इस दौरान मौके पर मौजूद सरपंच अनिकेत शाह और वार्ड पंचों ने एसडीएम के समक्ष ग्राम विकास अधिकारी की कार्यशैली को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए। जिस पर एसडीओ सुरेश कुमार तत्काल ग्राम विकास अधिकारी के घर पहुंच गए। जहां ग्राम पंचायत के रिकॉर्ड उसके घर पर ही मिल गए। जिन्हें सीज करवा कर उन्होंने ग्राम विकास अधिकारी को 16 सीसी की चार्जशीट देने व उसके खिलाफ मामला दर्ज करवाने के भी निर्देश दिए।
घटना के बाद अधिकारी से 03 दिवस में व्यक्तिशः उपस्थित होकर लिखित में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने को कहा गया है।