किशनगंज के पूर्व विधायक हेमराज मीणा की ओर से उनके बेटे विधायक ललित मीणा सहित झालावाड़ व बारां के विधायकों की जयपुर में एक रिसोर्ट में सांसद दुष्यंतसिंह की ओर से बाड़ेबंदी करने का बयान सामने आने के बाद जयपुर से लेकर झालावाड़ व बारां तक इस मामले को लेकर दिनभर चर्चा होती रही।
पूर्व विधायक हेमराज मीणा ने कहा कि उनके बेटे विधायक ललित मीणा को जयपुर के रिसोर्ट में रोका गया। उनको वहां से लेने पहुंचे, तो अंता विधायक कंवरलाल मीणा ने किशनगंज विधायक मीणा को रिसोर्ट से लाने से रोक दिया। इसके बाद प्रदेश सहित बारां व झालावाड़ में भी विधायकों के बाड़ेबंदी की चर्चा होती रही। भाजपा आलाकमान की ओर से मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं करने के बीच ऐसे में कई तरह के कयाससे मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं करने के बीच ऐसे में कई तरह के कयास के आरोपों को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि जीतने के बाद सभी विधायक अपनी गाड़ियों से जयपुर आए। यहां आपसी सहमति से एक होटल में रुके। बाड़बंदी की बात करना शरारतपूर्ण है। गौरतलब है कि खुद हेमराज मीणा भी किशनगंज से विधायक रह चुके हैं। इधर, किशनगंज से इस बार उनके पुत्र ललित मीणा विधायक चुने गए हैं। ललित मीणा ने बताया कि वे अभी जयपुर स्थित अपने घर पर ही हैं। होटल का कोई मामला नहीं है। ऐसी कोई बात नहीं है। घटनाक्रम 5 दिसंबर की रात का बताया जा रहा है। गौरतलब है कि बारा जिले की चारों सीटों से भाजपा विधायक चुने गए हैं, जबकि झालावाड़ की चार में से 3 सीटों पर भाजपा के विधायक निर्वाचित किए गए हैं। किशनगंज से ललित मीणा दूसरी बार विधायक बने हैं, तो छबड़ा से प्रतापसिंह सिंघवी सातवीं बार विधायक चुने गए हैं। अंता में कंवरलाल मीणा विधायक बने हैं, तो बारां-अटरू से लगाए जाने लगे। दोपहर बाद इस मामले में अंता विधायक राधेश्याम बैरवा पहली बार विधायक बने हैं। चर्चा है कि कंवरलाल मीणा ने बयान जारी कर पूर्व विधायक हेमराज मीणा झालावाड़ के दो विधायक भी रिसोर्ट में हैं।
क्या सफाई दी कंवरलाल मीणा ने बयान जारी कर !
जो आरोप विधायक श्री ललित मीणा जी के पिता भाईसाहब श्री हेमराज जी मीणा ने लगायें है, वह सरासर गलत है। हम सब झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र के विधायक है, जो जीतने के बाद विधायक ललित मीणा सहित आरएसएस व भाजपा कार्यालय बारां गये। सुबह 6 बजे अपने अपने घरों से हम सब अपनी अपनी गाडियों से जयपुर आये और अपनी आपसी सहमती से एक साथ होटल में रुके। बाड़ाबन्दी जैसी बात कहना शरारतपूर्ण है।
क्या किसी भी विधायक को उसकी मर्जी के बिना जबरन ले जाया जा सकता है ? असम्भव। और झालावाड बारां तो दुष्यन्तसिंह जी का अपना खुद का लोकसभा क्षेत्र है। अपने लोकसभा क्षेत्र के विधायकों की कौन बाडाबन्दी करेगा।
यह बात 5 दिसम्बर की रात ढाई बजे की है। उस रोज पहले तो 30-35 लोग हमारे होटल में आये और विधायक ललित मीणा को ले जाने लगे। परिचित नहीं होने की वजह से हमने उनके साथ ललित जी को नहीं भेजा। बाद में जब उनके पिता श्री हेमराज जी आये तो उनके साथ हमनें ललित जो को सहर्ष भेज दिया। सांसद श्री दुष्यंत सिंह जी उस दिन लोकसभा में थे। उनकी लोकसभा में उपस्थिति देखी जा सकती है। वे तब से ही दिल्ली में है। मोबाइल पर उनकी लोकेशन भी देखी जा सकती है। इस अवधि में मेरी सांसद महोदय से कोई बात नहीं हुई ।
विधायक को रात में ढाई बजे आकर ले जाना और दुष्यंत सिंह जी पर आरोप लगाना एक षडयंत्र है।